अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार अपने लेटरहेड या विजिटिंग कार्ड पर “छत्तीसगढ़ शासन से अधिमान्य पत्रकार” जैसे शब्दों का उपयोग नहीं कर सकेंगे
रायपुर छत्तीसगढ़ ।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पत्रकारों की अधिमान्यता को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें पात्रता, शर्तें और प्रतिबंधों को स्पष्ट किया गया है। अब राज्य स्तरीय समिति के सदस्यों को राज्य स्तरीय तथा संभागीय समिति के सदस्यों को जिला स्तरीय मानद अधिमान्यता दी जाएगी। यह मानद अधिमान्यता मीडिया कोटे से अलग होगी।
राजपत्र में प्रकाशित अधिमान्यता नियमों के अनुसार पत्रकार को कोई विशेष अधिकार नहीं मिलेगा, बल्कि यह सिर्फ श्रमजीवी पत्रकार की पेशेवर पहचान होगी। अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार अपने लेटरहेड या विजिटिंग कार्ड पर “छत्तीसगढ़ शासन से अधिमान्य पत्रकार” जैसे शब्दों का उपयोग नहीं कर सकेंगे। ऐसा करने पर अधिमान्यता रद्द हो सकती है।
समाचार संकलन व संपादकीय विभाग से जुड़े प्रतिनिधि ही अधिमान्यता के पात्र होंगे। संस्थान के स्वामी या प्रबंधन से जुड़े व्यक्ति अधिमान्यता के योग्य नहीं होंगे, जब तक वे संपादक के रूप में प्रिंट लाइन में दर्ज न हों और अन्य शर्तें पूरी न करते हों।
आवेदन करते समय यह घोषणा देना अनिवार्य होगा कि आवेदक किसी अन्य राज्य से अधिमान्य नहीं है। साथ ही अधिमान्यता उसी जिले में दी जाएगी, जहां पत्रकार का निवास और पदस्थापना हो। वही प्रतिष्ठान पात्र माने जाएंगे जो कम से कम एक वर्ष से कार्यरत हों। हालांकि, नए समाचार पत्र या चैनल प्रारंभ होने पर तीन माह बाद अधिकतम एक वर्ष की अस्थायी अधिमान्यता दी जा सकती है।
प्रकाशनों की सामग्री का कम से कम 50% हिस्सा समाचार या जनसामान्य की रुचि से जुड़ा होना चाहिए। केवल तकनीकी, व्यावसायिक, गृह पत्रिकाएं या अपराध जगत की पत्रिकाएं अधिमान्यता के लिए पात्र नहीं होंगी। इसी तरह केबल ऑपरेटरों द्वारा संचालित चैनलों के स्वामी या प्रतिनिधि भी अधिमान्यता नहीं पा सकेंगे।
यदि अधिमान्यता शर्तों का उल्लंघन या गलत जानकारी देने का मामला सामने आता है, तो अधिमान्यता तत्काल निरस्त की जाएगी और संबंधित पत्रकार या मीडिया संस्थान को 2 से 5 वर्ष तक अधिमान्यता से वंचित किया जा सकता है। गलत उद्देश्य से अधिमान्यता के उपयोग पर भी कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।
नए नियमों से पत्रकारिता को अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया है, ताकि केवल योग्य और सक्रिय पत्रकार ही अधिमान्यता का लाभ उठा सकें।

प्रधान संपादक