हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को 7 सप्ताह में निर्णय देने का दिया आदेश
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में स्कूल शिक्षा विभाग को 7 सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता के प्रकरण पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह मामला राजेश कुमार साव के संबंध में है, जो वर्तमान में सकरी स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय में प्रधान पाठक के रूप में पदस्थ हैं।
राजेश कुमार को शिक्षा कर्मी वर्ग 3 के रूप में 07 नवंबर 1999 को नियुक्त किया गया था और बाद में शिक्षक पंचायत के पद पर जिला पंचायत के आदेश से 31 अगस्त 2018 को संविलियन प्रदान किया गया। इसके पश्चात शासन के आदेश के तहत उनकी सेवा को पूर्व अवधि से जोड़ने की मांग की गई थी, ताकि उन्हें 1999 से सेवा गणना का लाभ मिल सके। हालांकि विभाग द्वारा पूर्व सेवा अवधि की गणना के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया गया, जिससे व्यथित होकर श्री साव ने अधिवक्ता नसीमुद्दीन अंसारी के माध्यम से 2023 में स्कूल शिक्षा विभाग को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया। बावजूद इसके, विभाग की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया। अंततः उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली।
याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 25 मई 2025 को स्पष्ट निर्देश जारी किया कि याचिकाकर्ता की सेवा गणना की मांग 07 नवंबर 1999 से किए जाने पर विचार करते हुए विभाग 7 सप्ताह की अवधि में निर्णय ले। अधिवक्ता नसीमुद्दीन अंसारी ने बताया कि यह आदेश उन सैकड़ों शिक्षा कर्मियों के लिए राहत का संदेश है, जो अपनी वर्षों की सेवा को मान्यता दिलाने के लिए संघर्षरत हैं।

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