ये तो वाकई अच्छा काम है
जी हां, ये तो वाकई अच्छा काम है। काम अच्छा है तो शाबासी भी तो बनती है। जिस अंदाज में काम हुआ उसी अंदाज में थैंक्स कहना भी अच्छा ही रहेगा। भावी पीढ़ी की चिंता करना और चिंता को दूर करने के लिए लीक से हटकर भी काम करना पड़े और सरकारी मुलाजिमों से काम करा ले जाए वही तो सिकंदर होता है। यह कहने का नहीं, दिखाने का होता है। बीते दो दिनों से शहर के भीतर जो कुछ हमने और आपने देखा है उसे आप क्या कहेंगे या फिर किस नजरिए से देखेंगे। निश्चित मानिए आप भी हमारी ही तरह सोच रहे हैं और जिसने ये काम कराया उसे साधुवाद भी दे रहे होंगे। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पहले और उसके बाद डिस्ट्रिक हेड क्वार्टर में कई कलेक्टर आए और गए। पर सब-कुछ वैसा ही चलते रहा। स्कूल कालेज के सामने पान गुटखा की दुकान, खुलेआम नशे का सामान। कुछ दिनों पहले मीडिया में मासूम लड़की की यूनिफार्म के साथ फोटो छपी थी, दुकान के सामने वह कुछ ऐसी चीजें खरीद रही थी जो किसी भी मायने में ना तो अच्छा कहा जा सकता है और ना ही इसकी सराहना ही की जा सकती है। सिस्टम का क्या, उसे चलना है तो चलते ही रहना है। अब जो कुछ हो रहा है, वह भी तो सिस्टम का ही हिस्सा है। आज जो कुछ हुआ वाकई बधाई देने वाली ही कार्रवाई थी। अब आप ये सोच रहे होंगे कि बधाई किसे देनी है। जी हां नए कलेक्टर को ही,जिन्होंने भावी पीढ़ी की बेहतरी को गंभीरता से लिया और नशे के सौदागारों पर सीधा वार जो कर दिया है। उम्मीद करते हैं, आगाज अच्छा हुआ है तो अंजाम भी अच्छा ही होगा।
सीएम की घोषणा, अब देखना होगा कौन जिला मारता है बाजी
आपका परफारमेंस अच्छा है तो सरकार के सामने आपका परसेप्शन भी वैसा ही बनता है।अच्छा और काम करने वाले अफसर के रूप में। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव सरकार का सुशासन चल रहा है। अब तो हर एक अच्छा काम करने वालों को शाबासी मिलेगी। इसका मतलब ये नहीं कि बेकार में कुर्सी तोड़ने वालों पर सरकार की नजर नहीं पड़ेगी। मतलब साफ है और सरकार का संदेश भी पूरी तरह क्लियर। काम करो और शाबासी पाओ, कुर्सी तोड़ने पर सजा भी मिलेगी। अब तो काम करना ही पड़ेगा। काम नहीं किए तो काम से जाएंगे। प्रदेश के मुखिया ने उत्तर छत्तीसगढ़ से यह संदेश प्रदेशभर के आला अफसरों को दिया है। दरअसल सीएम साय सुशासन तिहार के मौजूदा दौर में उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा, बलरामपुर-रामानुजगंज और जशपुर जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जनहितकारी शासकीय योजनाओं को बेहतर तरीके से अमलीजामा पहनाने की बात तो कही साथ ही यह भी घोषणा कर दी है कि अच्छा काम करने वाले जिलों को अवार्ड दिया जाएगा। जाहिर सी बात है जिस जिले को अवार्ड के लिए नामित किया जाएगा वहां के आला अफसरों का सीना भी तनेगा और सरकार के सामने परसेप्शन भी बनेगा।
दोकड़ा के ग्रामीण सीएम के हो गए कायल
दोकड़ा के ग्रामीणों ने बीते दिनों सीएम का नया रूप देखा। शालीन,शांत छवि के सीएम ने जब दोकड़ा के बुजुर्गों से कहा कि मैं तो आपके गांव का बेटा हूं। आपके सुख दुख का साथी हूं। दोकड़ा में सीएम ने यह भी संकल्प लिया कि प्रदेश को विकास की राह पर ले जाने की मेरी जिम्मेदारी है। सीएम की सहृदयता देखिए, ग्रामीणों से बिना भूमिका बांधे कहा मैं आपके गाँव घर का बेटा हूँ। मेरा सौभाग्य है कि आपके आशीर्वाद से प्रदेश का मुख्यमंत्री बना। प्रदेश को विकास की राह में ले जाना मेरा संकल्प है। दोकड़ा में सीएम का यह संकल्प छत्तीसगढ़ के गांव-गांव शहर-शहर तक जाएगा। संकल्प जब ईमानदार है तो अंजाम भी ऐसा ही नजर आएगा। छत्तीसगढ़ की बेहतरी और विकास के चमकदार तस्वीर की कल्पना तो कर ही सकते हैं।
कप्तान की कप्तानी का जवाब नहीं
छत्तीसगढ़ के इतिहास में इसके पहले कभी नहीं हुआ कि नशे के सौदागरों की संपत्ति सीज हुई हो, वह भी मुंबई के सफेमा कोर्ट से आदेश लेकर आना और युवा पीढ़ी को बर्बादी की कगार पर लेकर जाने वालों को पुलिस कप्तान ने उसी के अंदाज में सबक सीखाने की ठानी और सफल होते भी नजर आ रहे हैं। ड्रग्स पैडलर को पकड़ना और सरगना तक पहुंचकर उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम तो कर रही है, नशा बेचकर बनाई संपत्ति को सरकार के हवाले भी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के इतिहास में इसके पहले कभी नहीं हुआ। युवाओं की बेहतरी के लिए कप्तान की यह कप्तान लाजवाब है। उम्मीद पर तो दुनिया टिकी है, उम्मीद करते हैं कि कप्तानी ऐसे ही चलते रहेगी और ड्रग्स पैडलर से लेकर सरगना जेल की हवा खाएंगे।
अटकलबाजी
पाक्सो एक्ट के आरोपी फरार शिक्षक को डीईओ ने सस्पेंड कर दिया था, किसके कहने पर डीईओ को अपना आदेश वापस लेना पड़ा। किन-किन नेताओं ने डीईओ पर प्रेशर बनाया। दो नामों की हो रही है चर्चा, कौन हैं वो दो नाम।
होटल कोर्टयार्ड मेरियेट में ऐसे क्या हुआ था कि जिसकी गूंज दिल्ली तक हुई। रिएक्शन भी उसी अंदाज में आया। संविधान बचाओ आंदोलन की मेजबानी बिलासपुर जिले के हाथ से क्यूं और कैसे फिसली। जिम्मेदारों में किनके नामों की चर्चा हो रही है। फ्यूचर में कांग्रेस में कुछ बड़ा होने वाला है क्या।

प्रधान संपादक