रायपुर छत्तीसगढ़ ।छत्तीसगढ़ राजभवन में जालसाजी के एक सनसनीखेज मामले में पांच वर्षों से फरार चल रहा आरोपी महामंडलेश्वर अजय रामदास आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। रायपुर पुलिस की विशेष टीम ने उसे मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से गिरफ्तार किया है। आरोपी पर तत्कालीन राज्यपाल अनुसुइया उइके के लेटरहेड की चोरी कर उसका दुरुपयोग करते हुए कई फर्जी पत्र जारी करने का आरोप है।





पुलिस के अनुसार, वर्ष 2019 में यह मामला तब सामने आया जब अजय रामदास द्वारा राजभवन के नाम पर प्रशासनिक अधिकारियों को फर्जी आदेश भेजे गए। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राजभवन के सचिव ने सिविल लाइंस थाना रायपुर में आरोपी के विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाजी समेत विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद से आरोपी फरार हो गया था।



जांच में खुलासा हुआ कि अजय रामदास लगातार भेष बदलकर मध्यप्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रह रहा था। हाल ही में रायपुर पुलिस को उसके छिंदवाड़ा में छिपे होने की पुख्ता सूचना मिली, जिसके बाद एक विशेष टीम ने वहां पहुंचकर उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को रायपुर लाया गया।


पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अजय रामदास ने न केवल छत्तीसगढ़ में बल्कि मध्यप्रदेश में भी कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया है। छिंदवाड़ा जिले में उसके विरुद्ध कई अन्य आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हैं। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन लोग शामिल थे।
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आरोपी के पास राजभवन का आधिकारिक लेटरहेड कहां से और कैसे पहुंचा। साथ ही, यह भी खंगाला जा रहा है कि इन फर्जी पत्रों का कहीं लाभ तो नहीं उठाया गया। फिलहाल अजय रामदास से पूछताछ जारी है और उसके नेटवर्क को खंगालने के लिए छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में समन्वित जांच की जा रही है।

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