बिलासपुर. हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के कर्मचारीयों के सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त कर दिया है.
सहकारी केंद्रीय बैंक ने 14 जून 2014 को विभिन्न पद हेतु विज्ञापन जारी किया था. याचिकाकर्ता पंकज कुमार तिवारी ने समिति प्रबंधक के पद पर आवेदन जमा किया था, सभी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद पंकज कुमार तिवारी की नियुक्ति संस्था प्रबंधक के पद पर 14 फरवरी 2015 को हुई. 13 मार्च 2015 को कार्यभार ग्रहण किया.
सहकारी बैंक की सभी भर्ती प्रक्रिया में शिकायत होने पर जांच समिति गठित की गई थी. जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला सहकारी बैंक की मुख्य कार्यपालिका अधिकारी ने 4 नवंबर 2015 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जवाब के बाद पंकज कुमार तिवारी की सेवा समाप्त का आदेश 23 नवंबर 2015 को जारी कर दिय.

बैंक के आदेश को चुनौती देते हुए पंकज कुमार तिवारी ने संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर संभाग के समक्ष वाद प्रस्तुत किया, संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर ने 14 अक्टूबर 2019 को सेवा समाप्ति आदेश को सही माना, इस आदेश के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी अधिकरण बिलासपुर के समक्ष अपील प्रस्तुत किया, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी अधिकरण बिलासपुर ने अपील को निरस्त कर दिया.
पंकज कुमार तिवारी ने छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी अधिकरण बिलासपुर के आदेश 20 फरवरी 2020 और संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर के आदेश 14 अगस्त 2019 तथा सेवा समाप्ति आदेश और विभागीय जांच रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और घनश्याम कश्यप के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई जस्टिस ए. के. प्रसाद के सिंगल बेंच में हुई, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने कहा कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा कुल 110 पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था. याचिकाकर्ता पंकज कुमार तिवारी ने स्वयं की योग्यता के आधार पर प्रबंधक के पद हेतु आवेदन किया था. लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने पर साक्षात्कार हेतु पत्र जारी किया गया. साक्षात्कार हेतु पत्र में स्पष्ट शर्त थी कि यदि विज्ञापन में दिए गए समस्त शर्तों और नियमों के तहत उम्मीदवार पूर्ण होता है तभी उसे साक्षात्कार में भाग लेने दिया जाएगा.

याचिकाकर्ता द्वारा साक्षात्कार में सफल होने पर बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने नियुक्ति पत्र जारी किया जिसमें याचिकाकर्ता को प्रबंधक के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई.
दुर्गेश राजपूत की शिकायत पर कमिश्नर ने जांच हेतु समिति का गठन किया. जिसके आधार पर याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया गया था. जांच में बैंक ने दुर्गेश राजपूत के शिकायत को प्रमाणित नहीं कर पाया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि जांच एकतरफा थी सुनवाई का उचित अवसर दिए बिना ही कार्रवाई की गई है इसलिए जांच रिपोर्ट बर्खास्तगी का आधार नहीं बन सकता.
0 कमिश्नर को नहीं है जांच का अधिकार
सेवा समाप्ति की पूरी प्रक्रिया आयुक्त राजस्व द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जबकि कमिश्नर राजस्व को जांच शुरू करने का कोई अधिकार नहीं है. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पंकज कुमार तिवारी , मोहम्मद इमरान खान, चंदन प्रताप सिंह, सीमा देवांगन, चंचल कुमार दुबे, चंद्रशेखर कुर्रे लेखा कश्यप, भूपेंद्र राठौर, नरेंद्र कुमार मिश्रा, अमित पटेल व अन्य याचिकाओं को स्वीकार करते हुए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर द्वारा जारी सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त करते हुए सेवा में बहाली का निर्देश दिया है.

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