बिलासपुर। अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने 19 साल बाद अनुकंपा नियुक्ति की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। समीर उईके ने पिता की शासकीय सेवा के दौरान हुई मृत्यु को आधार बनाकर अनुकंपा नियुक्ति की मांग की थी। पिता पीडब्ल्यूडी में सहायक ग्रेड-2 के पद पर कार्यरत थे और 21 जून 1998 को उनका निधन हो गया था। याचिकाकर्ता के बड़े भाई नितिन कुमार उईके ने पहले 1 अक्टूबर 2001 को अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, जिसे इस आधार पर अस्वीकार कर दिया गया कि उनकी मां पहले से ही सरकारी सेवा में थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी मां सेवानिवृत्त हो चुकी हैं और कैंसर से पीड़ित हैं। बड़े भाई का 6 सितंबर 2015 को निधन हो गया। इस आधार पर उन्होंने 6 अक्टूबर 2016 को पुनः आवेदन किया है।

राज्य सरकार ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति नियमों के तहत यदि परिवार का सदस्य पहले से शासकीय सेवा में है तो किसी अन्य सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं दिया जा सकता। राज्य शासन का पक्ष सुनने के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief