बिलासपुर। जिले के रिटायर्ड प्राचार्य, व्याख्याता एवं शिक्षकों के लिए एक नई पहल की शुरुआत हुई है। अब वे फिर से स्कूलों में जाकर बच्चों को निशुल्क पढ़ा सकेंगे। यह शैक्षिक अध्यापन कार्य पूरी तरह स्वैच्छिक और नि:शुल्क होगा। सत्र के अंत में जिला प्रशासन द्वारा ऐसे शिक्षकों को कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के हाथों प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान वर्ष के तहत इस पहल को आगे बढ़ाते हुए जिले के सभी सेवानिवृत्त शिक्षकों से अपील की है कि जो शिक्षक सेवानिवृत्ति के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देना चाहते हैं, वे अपने निकटतम स्कूलों में जाकर स्वैच्छिक कक्षा अध्यापन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के अनुभव, मार्गदर्शन और शिक्षण शैली से विद्यार्थियों को अत्यधिक लाभ मिलेगा। इस अभियान के संचालन की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी विजय कुमार टांडे को दी गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान वर्ष के साथ-साथ मिशन प्लस कार्यक्रम भी जिले में चलाया जा रहा है। इसके तहत विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने और शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। डीईओ ने कहा कि जिले के कई सेवानिवृत्त शिक्षक पहले से ही समाज में शिक्षा का अलख जगाने के लिए उत्साहित हैं, और अब प्रशासन की यह पहल उन्हें एक संगठित मंच प्रदान करेगी। कलेक्टर ने इस संबंध में एक अर्ध-शासकीय पत्र जारी कर शिक्षकों से अपील की है कि जो भी रिटायर्ड शिक्षक इस अभियान का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे संलग्न गूगल शीट में अपनी प्रविष्टि दर्ज करें। इसके आधार पर उन्हें उनके ही गांव या वार्ड में बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए अधिकृत किया जाएगा।
शैक्षणिक गुणवत्ता में होगा सुधार
इस पहल से न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि विद्यार्थियों की अकादमिक अभिरुचि भी बढ़ेगी। प्रशासन का मानना है कि अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन बच्चों को नई दिशा देगा और जिले की शिक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करेगा। जिला प्रशासन का यह प्रयास राज्य में एक मिसाल बन सकता है। यदि यह मॉडल सफल रहता है तो आने वाले समय में इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है। शिक्षकों का अनुभव और विद्यार्थियों की जिज्ञासा मिलकर निश्चित ही शिक्षा गुणवत्ता अभियान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।

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