बिलासपुर, 08 मार्च 2025 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बिलासपुर मंडल रेलवे प्रशासन द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष पहल की गई है। मंडल रेल प्रबंधक श्री राजमल खोईवाल के मार्गदर्शन में महिलाओं को रेलवे में अधिक से अधिक अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। रेलवे, जो हमेशा से राष्ट्र निर्माण की रीढ़ रहा है, अब महिलाओं को समान अवसर देने और नेतृत्व की भूमिकाओं में आगे बढ़ाने के लिए विशेष योजनाओं पर कार्य कर रहा है।
रेलवे में बढ़ती महिला भागीदारी: नई संभावनाओं का द्वार

बिलासपुर मंडल में महिलाएँ अब केवल पारंपरिक भूमिकाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि लोको पायलट, स्टेशन प्रबंधक, टिकट चेकिंग, इंजीनियरिंग, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), ट्रैफिक कंट्रोल, वाणिज्यिक सेवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण विभागों में अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं। वर्तमान में मंडल में 1090 महिला अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 05 राजपत्रित एवं 1085 अराजपत्रित श्रेणियों में कार्यरत हैं। ये महिलाएँ विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए रेलवे परिचालन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही हैं।
महिला कर्मचारियों की प्रेरणादायक कहानियाँ
रेलवे में कार्यरत महिला कर्मचारियों ने अपनी मेहनत और समर्पण से यह साबित किया है कि वे किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटतीं।
लोको पायलट:

गीता साधू और खुशबू रानी बंछोर ने कहा, “एक महिला लोको पायलट के रूप में हमें गर्व है कि हम भारतीय रेलवे की इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। यह कार्य तकनीकी कौशल के साथ-साथ धैर्य और आत्मविश्वास की भी मांग करता है। हमने हर कठिनाई को अवसर में बदला और हम हर लड़की को रेलवे में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं।”
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ):

महिला आरक्षक सीता अग्रवाल ने कहा, “रेलवे में महिला आरक्षक के रूप में सेवा देना मेरे लिए गर्व की बात है। हमारा कर्तव्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और रेलवे संपत्तियों की रक्षा करना है। महिला होने के नाते यह कार्य चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन हौसले और दृढ़ निश्चय से हर कठिनाई आसान हो जाती है।”
टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर):

टीटीई शकीला बानो ने कहा, “रेलवे में काम करते हुए मैंने कई अनुभवों का सामना किया है, लेकिन यह नौकरी मुझे आत्मनिर्भर और सशक्त महसूस कराती है। रेलवे ने मुझे अपनी काबिलियत साबित करने का अवसर दिया, और आज मैं गर्व से कह सकती हूँ कि महिलाएँ हर क्षेत्र में योगदान दे रही हैं।”
टिकट बुकिंग क्लर्क:
वाणिज्य लिपिक विनीता श्रीवास और डी दिव्या ने बताया, “हमारा कार्य यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव देना है। महिला होने के कारण कई बार चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन मेहनत और समर्पण से हर बाधा को पार किया जा सकता है।”
कार्यालय अधीक्षक:

मुख्य कार्यालय अधीक्षक डी ज्योति देव ने कहा, “रेलवे के प्रशासनिक कार्यों को संभालना गर्व की बात है। यह नौकरी न केवल मेरी आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है, बल्कि मुझे रेलवे के संचालन का हिस्सा बनने का अवसर भी देती है।”
महिला कर्मचारियों के लिए रेलवे की विशेष पहल
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री अनुराग कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे महिलाओं के करियर ग्रोथ और सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जिनमें शामिल हैं:
• विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम: रेलवे में भर्ती होने वाली महिलाओं को तकनीकी और प्रबंधन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
• सुरक्षा और सुविधाएँ: सीसीटीवी, महिला हेल्पलाइन और बेहतर कार्य-परिस्थितियाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
• महिला लोको पायलटों की तैनाती: ट्रेनों के संचालन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के रूप में नियुक्त किया जा रहा है।
• समावेशी कार्यस्थल: मातृत्व अवकाश, फ्लेक्सिबल वर्किंग ऑवर्स और डे-केयर सुविधाएँ दी जा रही हैं।
बिलासपुर मंडल भारतीय रेलवे के महिला सशक्तिकरण अभियान को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित है। यह पहल “सबका साथ, सबका विकास” की भावना को मजबूत करती है और “नारी शक्ति, रेलवे की प्रगति” का संदेश देती है।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन