बिलासपुर। रामनवमी पर श्रीरामलला के दिव्य दर्शन की अभिलाषा ऐसी उमड़ी कि निःशुल्क अयोध्या यात्रा का पंजीयन महज 5-6 घंटे में ही पूरा हो गया। इस यात्रा में सबसे पहले हनुमान जी के नाम पर सीट बुक की गई, जो बस की पहली सीट पर विराजमान होंगे। प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति प्रवीण झा द्वारा आयोजित इस भव्य यात्रा के लिए 1008 सीटों का प्रावधान किया गया था, जो कुछ ही घंटों में भर गईं।




श्रद्धालुओं की लंबी कतारें, कुछ घंटों में सीटें फुल




शनिवार सुबह सीएमडी चौक स्थित पंजीयन केंद्र पर भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। पंजीयन केंद्र अम्बे अंजनी प्लाजा, प्रथम तल, दुकान नंबर एफएफ 24 में स्थापित किया गया था। पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर सीटें आवंटित की गईं, लेकिन 1008 सीटों के मुकाबले तीन हजार से अधिक श्रद्धालु पंजीयन कराने पहुंचे।

इस यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क एसी बस, उत्तम भोजन, ठहरने और सुरक्षा की संपूर्ण व्यवस्था की गई है। स्वयंसेवकों की टीम यात्रियों की देखभाल करेगी, जबकि मेडिकल टीम भी साथ रहेगी, जिससे भक्तों को सुगम और सुरक्षित दर्शन का अवसर मिल सकेगा। 5 अप्रैल को बिलासपुर से जत्था रवाना होगा, 6 अप्रैल को श्रीरामलला के दर्शन होंगे, और 7 अप्रैल को वापसी होगी।
अयोध्या में विशेष दर्शन की मांग

रामनवमी पर अयोध्या में अपार भीड़ को देखते हुए आयोजक प्रवीण झा ने उत्तर प्रदेश सरकार और मंदिर ट्रस्ट से विशेष अनुरोध किया है कि बिलासपुर के श्रद्धालुओं के लिए अलग दर्शन व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
स्वयंसेवकों की टीम जुटी तैयारी में

यात्रा की व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए स्वयंसेवकों की टीम पूरी तैयारी में जुट गई है। प्रमुख रूप से रामप्रताप सिंह, रौशन सिंह, रिंकू मित्रा, राजीव अग्रवाल, एके कंठ, ललित पुजारा, विकास केजरीवाल, त्रिभुवन सिंह, अजीत पंड़ित, संतोष सिंह, संतोष चौहान, मिथलेश ठाकुर, चंद्र किशोर प्रसाद, हरिशंकर कुशवाहा, राजीव गिरी, सोनल सिंह, सन्नी गिरी, रविंद्र कुशवाहा आदि सेवाभाव से कार्यरत हैं। ये स्वयंसेवक पंजीकृत दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं और यात्रियों की हर जरूरत का ध्यान रखेंगे।
यात्रा कार्यक्रम

• प्रस्थान: 5 अप्रैल 2025, प्रातः 11 बजे, पुलिस ग्राउंड, बिलासपुर
• दर्शन: 6 अप्रैल 2025, रात्रि भोजन के पश्चात वापसी
• वापसी: 7 अप्रैल 2025, संध्या तक बिलासपुर आगमन
सनातन परंपरा की अखंड ज्योति: अयोध्या यात्रा

अयोध्या सिर्फ एक नगर नहीं, बल्कि सनातन परंपरा की आत्मा है। रामनवमी पर अयोध्या यात्रा श्रद्धा, भक्ति और संकल्प का प्रतीक मानी जाती है। इस यात्रा का आयोजन धर्म, परंपरा और संस्कृति से जुड़ने का पवित्र अवसर प्रदान करता है। निःशुल्क यात्रा जैसे प्रयास सनातन संस्कृति को जीवंत बनाए रखते हैं और हर रामभक्त को प्रभु श्रीराम के धाम तक पहुंचने का अवसर देते हैं।

प्रधान संपादक