बिलासपुर। कोरबा में कांक्रीट उत्पादन के लिए बालको कंपनी द्वारा किए गए कथित अतिक्रमण और नियमों के उल्लंघन को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका पर सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने बालको प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। बालको कंपनी ने कोरबा के शांति नगर क्षेत्र में कूलिंग टावर के पास एक बेचिंग प्लांट स्थापित कर कांक्रीट उत्पादन शुरू कर दिया है। यह क्षेत्र पहले से ही विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिए चिह्नित था। यहां रहने वाले 87 परिवारों को विस्थापित कर अन्यत्र बसाया गया था, लेकिन बाद में हुए सर्वे में 46 और प्रभावित परिवार सामने आए, जिनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। इससे वे बेहद परेशान हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता डिलेन्द्र यादव ने पहले शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर कोरबा कलेक्टर ने जांच समिति गठित की। जांच के बाद प्रस्तुत विस्तृत प्रतिवेदन में सामने आया कि बालको कंपनी ने कई हेक्टेयर शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर अपनी परियोजना का विस्तार किया है।

अतिक्रमण और विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की अनदेखी के मुद्दे को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता डिलेन्द्र यादव और जितेंद्र साहू ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने गत माह बालको कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भी प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया था। हालांकि, अब तक बालको प्रबंधन की ओर से कोई जवाब पेश नहीं किया गया है। मामले की अगली सुनवाई में कंपनी के पक्ष का इंतजार किया जा रहा है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief