महासमुंद। भू-माफिया, पटवारी, आरआई, तहसीलदार समेत 14 लोगों ने 300 एकड़ सरकारी जमीन बेच सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है। इस मामले में इओडब्ल्यू ने कोर्ट में चालान पेश किया।
छत्तीसगढ़ में शासकीय भूमि को बेचने वाले दलाल, पटवारी, आरआई, तहसीलदार समेत 14 लोगों के खिलाफ इओडब्ल्यू की टीम ने चालान पेश किया है। आरोपियों ने मिलकर 300 एकड़ शासकीय जमीन बेच दिये थे। फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद भ्रष्टाचार निवारण के तहत कार्रवाई करते हुये इओडब्ल्यू द्वारा ढाई हजार पेज का चालान विशेष न्यायालय महासमुंद में पेश किया गया।

महासमुंद में 300 एकड़ शासकीय वन भूमि को फर्जी तरीके से जमीन दलाल, भू मफिया लक्ष्मीनारायण अग्रवाल उर्फ फुन्नू अग्रवाल के द्वारा ग्रामीणों के नाम पर तत्कालीन पटवारी करण चंद्राकर, आरआइ पीताम्बर लाल देवांगन, तहसीलदार सदाराम ठाकुर की मदद से चढ़वाकर उप पंजीयक रूमलाल साहू के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज के माध्यम से रायगढ़ के गोविंद अग्रवाल व उसके अन्य पांच परिवार के नाम पर विक्रय किये थे।
खरीदने वाले आरोपियों ने इस भूमि को बड़ी ही चतुराई से जिंदल स्टील पावर लिमिटेड कंपनी को करोड़ों में बेच दिये थे। जिंदल स्टील स्टील पावर कंपनी को गारे पेलमा रायगढ़ कोल ब्लाक में वन भूमि के क्षतिपूर्ति के लिए देनी थी। कंपनी ने उपरोक्त भूमि को वन विभाग को हस्तांतरित कर दी थी।

इस प्रकार बिचौलियों द्वारा फर्जी तरीके से शासकीय भूमि जिंदल कंपनी को विक्रय कर करोड़ों रूपये का लाभ अर्जित किया फिर वापस वही भूमि शासन को हस्तांतरित करवा दी गई थी। इसकी शिकायत मिलते ही इओडब्ल्यू ने अपराध क्रमांक 50/2016 धारा 13 1 डी, 13 2, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 अधिनियम 2018 तथा 120 बी, 420, 467, 468, 471 भादवि का प्रकरण दर्ज किया। आरोपी भू माफिया फुन्नू अग्रवाल, सहयोगी बेंजामिन सिक्का, चमरू यादव एवं तितास बनिक सहित पटवारी, आरआई, तहसीलदार, उप पंजीयक एवं गोविन्द अग्रवाल व उसके परिवार के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चालान पेश किया।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief