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July 1, 2025 3:18 pm

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बीच सड़क पर केक काटने का मामला: हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

बिलासपुर। रायपुर में नेशनल हाईवे पर बीच सड़क पर केक काटने और हुड़दंग मचाने के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। इससे पहले भी इसी तरह की एक घटना पर कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई थी। अब राजधानी में यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष द्वारा दोबारा इसी तरह की हरकत करने पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है।

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गुरुवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई की और प्रदेश के मुख्य सचिव से शपथपत्र के माध्यम से जवाब मांगा है।

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पहला मामला: रायपुरा चौक पर हाईवे जाम

30 जनवरी को रायपुर के रायपुरा चौक पर दो कारें बीच सड़क पर खड़ी कर केक काटा गया। कार के बोनट पर केक रखकर हुड़दंग किया गया और आतिशबाजी भी हुई। इस दौरान जिस नाबालिग लड़के का जन्मदिन मनाया जा रहा था, उसके पिता भी वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी इस कृत्य को रोकने की कोशिश नहीं की।

इस घटना से मुंबई-कोलकाता नेशनल हाईवे पर लंबा जाम लग गया, जिससे राहगीरों को काफी परेशानी हुई। पुलिस ने इस मामले में सिर्फ ₹300 का चालान काटा था, जिसे हाईकोर्ट ने बेहद हल्की कार्रवाई करार दिया। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर कोई आम नागरिक ऐसा करता तो उसे गुंडा-बदमाश बताकर जेल भेज दिया जाता।” कोर्ट ने ट्रैफिक पुलिस के संबंधित अधिकारी को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए थे और सरकार से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा था।

दूसरा मामला: यूथ कांग्रेस नेता का जन्मदिन विवाद

इसी तरह की दूसरी घटना हाल ही में रायपुर में ही सामने आई, जब यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष विनोद कश्यप उर्फ भक्कू और उनके समर्थकों ने बीच सड़क पर केक काटकर जन्मदिन मनाया। इस दौरान करीब 20 मिनट तक जमकर आतिशबाजी और हंगामा हुआ, जिससे आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से पूछा कि क्या कार्रवाई की गई है। सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कांग्रेस नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है।

हाईकोर्ट ने मांगा मुख्य सचिव से शपथपत्र

कोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस पूरे मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे एक लिखित शपथपत्र पेश करें और बताएं कि सरकार ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए हैं।

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह इस तरह के सार्वजनिक उपद्रव के मामलों में सख्त कार्रवाई करे।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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