बिलासपुर। एसबीआर कालेज के खेल मैदान की जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कालेज मैदान की जमीन सरकारी संपत्ति है। सरकारी संपत्ति पर ट्रस्ट का कोई अधिकार नहीं है। मामले की सुनवाई और महत्वपूर्ण फैसले के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। याचिका खारिज करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों को राहत दी है कि चाहें तो वे अपना रूपया वापस ले सकते हैं।
बता दें कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद अमित बजाज,अतुल बजाज,सुमित बजाज और संतोष बजाज ने सुप्रीम कोर्ट में केविएट दाखिल किया था। डिवीजन बेंच ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर दोनों एसएलपी को खारिज कर दिया है।
मामले की सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कालेज मैदान की जमीन का फैसला अमित बजाज,अतुल बजाज,सुमित और संतोष बजाज के पक्ष में सुनाया था। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए खेल मैदान की जमीन को खरीदने वाले 11 खरीदारों के अलावा ट्र्स्ट की ओर से कमल बजाज ने सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की थी।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच ने छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि वर्ष 1944 में ट्रस्टी ने तकरीबन 40 एकड़ जमीन दान दिया था। ऐसी स्थिति में दो एकड़ जमीन रखने का तर्क ठीक नहीं है। एसबीआर कालेज के खेल मैदान की जमीन पर शासन का अधिकार है। लिहाजा दान की जमीन पर सरकार का हक है और यह सरकारी संपत्ति है। यह जमीन खेल मैदान का हिस्सा है।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief