मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बढ़ते छत्तीसगढ़ को देखने के लिए महाकुम्भ में श्रद्धालुओं में उत्साह
छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और इतिहास को जानने के लिए उमड़ रही है लोगों की भीड़
छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट धारण किया हुआ प्रवेश द्वार लोगों को कर रहा है आकर्षित
धनंजय राठौर की कलम से

संयुक्त संचालक(जनसंपर्क)
छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और यहां के गौरवशाली इतिहास हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और मोदी की गारंटी के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा छत्तीसगढ़ को जानने के लिए देश में हर कोई बेताब रहता है। इसकी बड़ी झलक प्रयागराज महाकुम्भ के दौरान छत्तीसगढ़ पैवेलियन में देखने को मिल रही है। प्रयागराज में छत्तीसगढ पैवेलियन में छत्तीसगढ के श्रद्धालूओं के लिए ठहरने, खाने और नाश्ते की व्यवस्था फ्री है।

प्रयागराज महाकुम्भ के छत्तीसगढ़ पैवेलियन पुराना यमुना ब्रीज के पास दारागंज होते हुए प्रयागराज के सेक्टर 6 महाकुम्भ में लक्ष्मी द्वार के पास भारत सरकार के कलाग्राम के सामने छत्तीसगढ़ पैवेलियन स्थित है। छत्तीसगढ़ पैवेलियन स्क्वेयर 4 एकड क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां 8 कमरे व्ही आई पी के लिए बनाए गए हैं और 500 डोरमेट्री, कलाकार, टुरिज्म विभाग के अधिकारी और आम जनता के लिए बनाएं गए हैं।

छत्तीसगढ़ पैवेलियन के प्रवेश द्वार को छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट का रूप दिया गया है, जो दूर से ही श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। प्रवेश द्वार पर ही भारत के नियाग्रा कहे जाने वाले बस्तर के चित्रकोट वाटरफाल की तस्वीर लगी है। पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गयी है और प्रवेश द्वार के दाहिनी तरफ राज्य की चार ईष्ट देवियां मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की फोटो और उनकी जानकारी दी गयी है।

पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही बांयी तरफ छत्तीसगढ़ के जीवंत ग्रामीण परिवेश को दिखाया गया है। यहां पर परंपरागत ग्रामीण जीवन के साथ ही आदिवासी कला, संस्कृति, वस्त्र, आभूषण समेत एक संपूर्ण गांव का चित्रण स्थापित किया गया है।
छत्तीसगढ़ के प्रदर्शनी में प्रवेश करने के पहले बस्तर का ढोकरा शिल्प और राजकीय पशु तथा पक्षी, छत्तीसगढ़ की पंरापरागत वाद्ययंत्र को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं विशेषकर मोर आवास-मोर अधिकार योजना, 3100 रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदी योजना की जानकारी दर्शायी गयी है।

इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक विरासत के रूप में सिरपुर और जैतखाम की प्रतिकृति को बनाया गया है।

देश भर से आए श्रद्धालू और स्थानीय लोग छत्तीसगढ़ को ज्यादा से ज्यादा करीब से जान पाएं इसके लिए वर्चुअल रियेलिटी हेडसेट और डोम के भीतर 180 डिग्री वीडियो के माध्यम से शासन की योजनाओं और छत्तीसगढ़ राज्य की जानकारी साझा की जा रही है। इन तकनीकों के जरिए छत्तीसगढ़ को जानने के लिए स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह है और छत्तीसगढ़ पैवेलियन को देखने के लिए लोग लंबी लाईन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की संकल्पना पर काम कर रहे हैं और ये संकल्पना धीरे धीरे मूर्त रूप ले रही है। जिस तरह से छत्तीसगढ़ को जानने और समझने की इच्छा रखने वाले यहां आ रहे हैं, उससे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों की सार्थकता झलक रही है। इसे देखकर कहा जा सकता है मानो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मानो एक छोटा सा छत्तीसगढ़ ही बसा हुआ है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief