CGPSC फर्जीवाड़ा में गुरुवार को सीबीआई द्वारा पेश चालान पर स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई। सीबीआई द्वारा पेश आरोप पत्र में पेपर लीक करने का आरोप लगाया है। मामले की सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट ने 30 जनवरी की तिथि तय कर दी है।
रायपुर। सीजीपीएससी फर्जीवाड़ा की जांच कर रही सीबीआई ने गुरुवार को स्पेशल कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया। सीबीआई द्वारा पेश आरोप पत्र में पेपर लीक कराने की बात कही गई है। मामले की सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का निर्देश दिया है।
सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में सीजीपीएससी फर्जीवाड़ा मामला में छह आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर दिया है। सीजीपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन, एग्जाम कंट्रोलर, पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के दोनों भतीजे के अलावा उद्योगपति श्रवण अग्रवाल के बेटा शशांक अग्रवाल व बहू भूमिका कटियार के नाम शामिल है। एनपीजी ने पहले ही इस बात की रिपोर्ट पेश कर दी है कि आने वाले दिनों में एक पूर्व आईएएस अफसर व कांग्रेस नेता के बेटे व बेटी के गिरफ्तारी हो सकती है। ये सभी सीबीआई के राडार पर हैं।

CGPSC फर्जीवाड़ा में सीबीआई ने जिन लोगों को अपने कब्जे में लिया है उसमें साहिल सोनवानी टामन सोनवानी के भतीजे हैं। ये DSP के पोस्ट पर सिलेक्ट हुए है। शशांक गोयल बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल बेटे और भूमिका कटियार बहू है। दोनों का डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है। सीबीआई जांच से पहले ही इन नियुक्तियों पर सवाल उठाए जा रहे थे। सीबीआई ने इन सभी को अरेस्ट करने के साथ ही स्पेशल कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। बता दें कि नितेश सोनवानी का सातवीं रैंक आया था। पूर्व चेयरमैन का भतीजा है। नितेश का चयन सीजीपीएससी 2021 में डीसी के पद पर हुआ था। पहचान छिपाने की कोशिश भी की गई है। सिलेक्शन लिस्ट में उसका नाम लिखा है, सरनेम को छिपा दिया गया है। यह भी चर्चा में रही कि सिलेक्शन लिस्ट में एक ऐसा नाम भी था जो पहली बार सीजीपीएससी में देखने को मिला कि सरनेम का कहीं जिक्र नहीं किया गया। अचरज की बात ये कि इस पर किसी ने ना तो आपत्ति दर्ज कराई और ना ही सरनेम ना देने के पीछे कारण को जानने की कोशिश ही की। नितेश द्वारा एग्जाम से पहले और सिलेक्शन के बाद पेश किए गए दस्तावेजों में नाम के साथ ही नितेश का सरनेम भी लिखा हुआ है। यह सब सीजीपीएससी के आला अफसरों के इशारे पर किया गया।
0 नेता से लेकर अफसरों के रिश्तेदारों की लंबी सूची
सीजीपीएससी 2021 के चयन में उठे विवाद के पीछे का कारण भी साफ है। सिलेक्शन लिस्ट में 18 ऐसे नाम है जो गड़बड़ी की ओर इशारा करते हैं। अधिकांश नाम अधिकारियों के बेटा या बेटी व रिश्तेदार के ही हैं। कांग्रेस नेताओं के बेटे व बेटी भी सिलेक्शन लिस्ट का हिस्सा बने हैं। इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी।
0 पहले आरती वासनिक फिर गणवीर
सीजीपीएससी के एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर पूर्व चेयरमैन सोनवानी के विश्वासपात्र में से एक थे। सीबीआई को आशंका है कि गणवीर के जरिए सोनवानी नेपेपर लीक कराया। प्रभावशाली लोगों को प्रश्न पत्र पहले ही पहुंचा दिया गया। गणवीर की गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने एग्जाम कंट्रोलर आरती वासनिक से भी लंबी पूछताछ की थी। तलाशी के दौरान अहम दस्तावेज भी जब्त किया था।
0 पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की जनहित याचिका में पेश सूची के बाद मचा था हड़कंप
पूर्व गृहमत्री ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में पीआईएल दायर कर फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच की मांग की थी। तब कंवर ने अपनी याचिका में उन 18 लोगों के नाम की सूची भी पेश की थी जिनकी नियुक्ति को लेकर सीजीपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने फर्जीवाड़ा किया था। इसमें ब्यूरोक्रेट्स से लेकर कांग्रेस नेताओं के बेटे बेटी व रिश्तेदारों के नाम दिए गए हैं। सीबीआई उन्हीं नामों को फोकस कर रही है। सीबीआई ने जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है।
0 सीबीआई के राडार में, और भी होंगी अरेस्टिंग
सीबीआई के जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है और अहम दस्तावेज मिल रहे हैं। इससे इस बात की संभावना बढ़ती जा रही है कि पूर्व आईएएस के बेटे व बेटी की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। सीबीआई के राडार में ब्यूरोक्रेट्स व कांग्रेस नेता के बेटे व बेटी के अलावा रिश्तेदार भी है।2
0 2003 सीजीपीएससी फर्जीवाड़ा, प्रमोशन पाकर कुछ कलेक्टरी कर रहे,कुछ कर चुके
राज्य निर्माण के बाद वर्ष 2003 में पहली बार सीजीपीएससी का एग्जाम हुआ।पहला ही एग्जाम विवादों के घेरे में रहा। ईओडब्ल्यू की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया था। हालांकि तब किसी अभ्यर्थी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट के डिवीजन बेंच ने सीजीपीएससी द्वारा जारी सिलेक्शन लिस्ट को रद्द करते हुए नए सिरे से स्केलिंग करने व सिलेक्शन लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया था। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य शासन के महत्वपूर्ण पदों पर काबिज और तब के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच के फैसले पर रोक लगा दी है। तब से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस बीच दागी अफसर आईएएस बन गए हैं और मजे से नौकरी कर रहे हैं

Author: Ravi Shukla
Editor in chief