बिलासपुर। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान राजनीतिक गलियारों में जो चर्चा चली अब उसके धरातल पर नजर आने की अटकलें तेज हो गई है। हाल की घटनाओं ने इन अटकलों को बल दिया है। सियासी और राजनीतिक गलियारों पर चल रही कानाफूसी और अटकलबाजी पर भरोसा करें तो जल्द ही सीएम विष्णुदेव साय आईएएस अफसरों को एडजस्ट करने के लिए एक छोटी सर्जरी कर सकते हैं। बिलासपुर,सुकमा और बीजापुर के कलेक्टरों की छोटी व बेहद महत्वपूर्ण तबादला आदेश जारी हो सकता है।
शीतकालीन सत्र के दौरान जो अटकलबाजी चली और चर्चा सरगर्म हुई थी वह यूं ही नहीं थी। उसमें दम था और उसी अंदाज में अटकलबाजी पर बल भी। वह अटकलबाजी नहीं थी, राजनीतिक गलियारों और सत्ता के करीबियों के बीच निकला हुआ तकरीबन सच ही था। एक बार फिर अटकलबाजी शुरु हो गई है। तब विधानसभा सत्र के दौरान बीजापुर और सुकमा के कलेक्टरों को बदलने की जाने की सुगबुगाहट तेज थी। हाल की घटनाओं ने इसे बल दिया है। बीजापुर में टीवी चैनल के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम और सुनियोजित हत्याकांड ने प्रदेश को हीला कर रख दिया है। यह मामला बीते तीन दिनों से सुर्खियों में है और प्रदेश की राजनीति भी उसी अंदाज में सरगर्म है। पहले सोशल मीडिया और फिर शनिवार को सीधेतौर पर सत्ता व विपक्षी नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप तो लगाए ही कड़े शब्दों और भाषा का इस्तेमाल भी किया। राजनीतिक दलों के बीच इस घटना को लेकर बढ़ती तल्खी का असर किस अंदाज में होगा और राज्य सरकार के मन में क्या चल रहा है यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा और सरकार के निर्णय सामने आएंगे। राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा पर भरोसा करें तो जल्द ही तीन कलेक्टर्स के तबादले का आदेश जारी हो सकता है।
बिलासपुर कलेक्टर सेक्रेटरी प्रमोट
बिलासपुर के कलेक्टर अवनीश शरण सेक्रेटरी प्रमोट हो गए हैं। हालांकि सेक्रेटरी प्रमोट होने के बाद भी कलेक्टर रह सकते हैं। छत्तीसगढ़ में इसके उदाहरण भी है। जैसा की सत्ता के गलियारों में चल रहा है उनको मंत्रालय में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। वैसे भी कांग्रेस सरकार के दौरान पूरे पांच साल तक कांग्रेस सरकार ने अवनीश शरण को हाशिए पर रखा। भाजपा की सरकार में उनके अनुभवों और कामकाज के बेहतर तरीकों का लाभ लेने के लिए उन पर भरोसा जताया है। माना जा रहा है कि जल्द ही अवनीश शरण महानदी भवन में अहम जिम्मेदारी संभालते दिखाई देंगे।
एक अटकलें ऐसी भी
रायपुर नगर निगम के कमिश्नर अबिनाश मिश्रा बेहतर काम कर रहे हैं। राज्य सरकार भी उनके कामकाज को लेकर खासा प्रभावित है। कामकाज के तरीके, बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए सरकार उसे अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है। छोटी पर महत्वपूर्ण सर्जरी में मिश्रा सुकमा या फिर बीजापुर में कलेक्टर की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों ही नजरिए से राजधानी रायपुर के बाद न्यायधानी बिलासपुर प्रदेश का अहम जिला है। लिहाजा अवनीश शरण के महानदी भवन शिफ्ट होने की स्थिति में अनुभवी आईएएस को बिलासपुर जिले की जिम्मेदारी दी जा सकती है। या यूं कहें कि अनुभवी आईएएस की ताजपोशी होगी।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief