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December 13, 2024 2:43 am

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आर्थिक गड़बड़ी करने के आरोप में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के 5कर्मचारी नौकरी से हटाए गए, दो कर्मचारी पदावनत

बिलासपुर.जिला सहकारी केन्द्रीय  बैंक बिलासपुर के 5 कर्मचारियों को आर्थिक गड़बड़ी के आरोप में सेवा से पृथक करने और 2 कर्मचारियो को पदा वनत करने का आदेश कलेक्टर /बैंक के प्राधिकृत अधिकारी ने  बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिया हैं।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के उप  समिति  के द्वारा 05 कर्मचारियों को सेवा पृथक एवं 02 कर्मचारियों को पदावनत करने का निर्णय लिया गया है। स्टाफ उप समिति कलेक्टर, जिला बिलासपुर एवं प्राधिकृत अधिकारी अध्यक्षता में आयोजित किया गया जिसमें उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थायें बिलासपुर, सदस्य, उप संचालक कृषि, कृषि विभाग बिलासपुर, सदस्य एवं बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सचिव के रुप में बैठक में उपस्थित हुये है। जिन कर्मचारियों को सेवा पृथक किया गया है, उनका विवरण निम्नानुसार है :-

01. श्री करूणेश कुमार चंद्राकर कनिष्ठ लिपिक शाखा अकलतरा के द्वारा श्री रामकुमार, पिता रंगवाय, ग्राम डोंगरी जो कि सेवा सहकारी समिति मर्यादित कोरबी बैंक शाखा बलौदा का ऋणी सदस्य है जो लघु कृषक है उन्हे समिति के द्वारा दीर्घ कृषक के रुप में के०सी०सी० ऋण वितरण पात्रता से अधिक किये जाने संबंधी आरोप की जांच कराई गई।

जांच अधिकारी के द्वारा संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थायें संभाग बिलासपुर के पारित आदेश में श्री करूणेश कुमार चंद्राकर का बयान एवं वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के तथ्यों से परे जाकर प्रथम दृष्टया दोषी नही होने का लेख किया जाना अमान्य व अस्वीकार किये जाने योग्य पाया गया है।

अतः बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन, निबंधन तथा उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम कं.57 (एक) उप नियम (द) के अनुसार “सेवा से (पृथक करना) किया जाना जो भावी नियोजन के लिये निर्हरता न होगी,” संबंधी दण्ड श्री करूणेश कुमार चंद्राकर को दिये जाने का निर्णय सेवानियम कमांक 61 के अंतर्गत सर्वसम्मति से लिया गया है। साथ ही श्री करूणेश कुमार चंद्राकर तात्कालिन शाखा अकलतरा (कनिष्ठ लिपिक) को एक अन्य प्रकरण, जो कि शाखा अकलतरा के पुराना व्हिाल्विंग खाता जिसमें दिनांक 23.03.2013 पर राशि 1,53,82,902.00 का तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा समायोजन किया गया था जो कि पूर्णतः गलत था, इन खातों में (अंतिम बेलेन्स जिसे नये रिव्हाल्विंग खातों में ट्रासंफर किया गया) का योग जमा की गई राशि 1,53,82,902.00 के बराबर नही है। राशि का उपयोग समिति को भुगतान करने व धान खरीदी भुगतान हेतु उपयोग कर लिया गया है। इस प्रकार राशि 1,53,82,902.00 की बैंक को क्षति पहुंचाये जाने के संबंध मेंआरोप पत्र जारी किया गया।

जांच अधिकारी के द्वारा आरोप पत्र में उल्लेखित आरोपों की जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। श्री करूणेश कुमार चंद्राकर के विरूद्ध लगाये गये आरोप कमांक 01 से 03 तक में दोषी पाया गया है।

बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन, निबंधन तथा उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम कं. 57 (एक) गंभीर दण्ड उप नियम (द) के अनुसार “रोवा से (पृथक करना) किया जाना जो भावी नियोजन के लिये निर्हरता न होगी,” संबंधी दण्ड दिये जाने का निर्णय लिया गया। उपरोक्त स्टाफ उप समिति की बैठक के विषय/निर्णय कं.3 (4) (अ) को सम्मिलित करते हुये सेवानियम कमांक 61 के अंतर्गत श्री करुणेश कुमार चंद्राकर को सेवा से पृथक किये जाने का निर्णय उपरोक्त सेवानियम अनुसार सर्वसम्मति से लिया गया है तथा राशि वसूली हेतु संबंधित समितियों को पत्र प्रेषित किये जाने का भी निर्णय लिया गया साथ ही सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64/84 के अंतर्गत राशि वसूली हेतु वाद दायर सर्वसम्मति से लिया गया। शाखा प्रबंधक के माध्यम से किये जाने का निर्णय भी

02. श्री प्रवीण कुमार शर्मा, कनिष्ठ लिपिक शाखा मालखरौदा :- श्री पंकज भूषण मिश्रा एवं शांतादेवी मिश्रा का संयुक्त खाता जो सीपत शाखा में संचालित है, से विभिन्न दिनांक पर कुल राशि रूपये 95000.00 आहरण शाखा मालखरौदा से किये जाने संबंधी जांच कराई गई। उक्त के संबंध में आरोप पत्र जारी किया गया। जांच अधिकारी के द्वारा आरोपों की जांच कर आरोप को प्रमाणित पाया गया है तया बैंक के केश क्लियरिंग खाते को डेबिट किया जाना पाया गया है।

बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन, निबंधन तथा उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम कं. 57 (एक) गंभीर दण्ड के उप नियम (द) के अनुसार “सेवा से (पृथक करना) किया जाना जो भावी नियोजन के लिये निर्हरता न होगी,” संबंधी दण्ड श्री प्रवीण कुमार शर्मा को दिये जाने का निर्णय सेवानियम क्रमांक 61 के अंतर्गत सर्वसम्मति से लिया गया है।

03. श्री विरेन्द्र कुमार आदित्य, संस्था प्रबंधक शाखा मालखरौदा श्री पंकज भूषण मिश्रा एवं शांतादेवी मिश्रा का संयुक्त खाता जो सीपत शास्त्रा में संचालित है, से विभिन्न दिनांक पर कुल राशि रूपये 95000.00 आहरण शाखा मालखरौदा से किये जाने संबंधी जांच कराई गई। उक्त के संबंध में आरोप पत्र जारी किया गया। जांच अधिकारी के द्वारा आरोपों की जांच कर आरोप को प्रमाणित पाया

गया है तथा बैंक के केश क्लियरिंग खाते को डेबिट किया जाना पाया गया है। बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन, निबंधन तया उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम कं.57 (एक) गंभीर दण्ड के उप नियम (द) के अनुसार “सेवा से (पृथक करना) किया जाना जो भावी नियोजन के लिये निर्हरता न होगी,” संबंधी दण्ड श्री विरेन्द्र कुमार आदित्य को दिये जाने का निर्णय सेवानियम कांक 61 के अंतर्गत सर्वसम्मति से लिया गया है।

04. श्री प्रकाश चंद कुभंज लिपिक सह कम्प्यूटर ऑपरेटर निलंबित (तात्कालिन शाखा करगीरोड) को खाताधारकों/ बैंक के अनपोस्टेड खातों से अनियमित तरीके से नगद एवं ट्रांसफर द्वारा गड़बड़ी के संबंध में जांच कराई गई। जांच अधिकारी के द्वारा जांच प्रतिवेदन में लेख किया गया है कि खाताधारकों एवं अनपोस्टेड की राशि गड़बड़ी राशि मूलधन 3091506.00 तया ब्याज की राशि 51496.00 रूपय पाये जाने पर उक्त राशि जमा करायी गई है। जिससे यह प्रमाणित होता है कि लगाये गये आरोप सही है। श्री प्रकाश चंद कुंभज दोषी है।

बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन, निबंधन तथा उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम कं.57 (एक) गंभीर दण्ड के उप नियम (द) के अनुसार “सेवा से (पृथक करना) किया जाना जो भावी नियोजन के लिये निर्हरता न होगी,” संबंधी दण्ड श्री प्रकाश चंद कुंभज को दिये जाने का निर्णय सेवानियम कमांक 61 के अंतर्गत सर्वसम्मति से लिया गया है।

05. श्री शंशाक शास्त्री, नृत्य प्रधान कार्यालय के द्वारा मई 2018 से बिना सूचना के लगातार अनुपस्थित रहने के संबंध में आरोप पत्र एवं पूरक आरोप पत्र जारी किया गया। तत्संबंध में जांच अधिकारी नियुक्त कर विभागीय जांच करायी गई। जांच अधिकारी के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में श्री शंशाक शास्त्री के आरोप पत्र में उल्लेखित आरोप कं. 01 से 02 तक प्रमाणित पाया गया एवं पूरक आरोप कं.02 एवं 03 प्रमाणित पाया गया है का लेख कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। a Sahakari Jila
[25/06, 7:11 pm] निर्मल माणिक: बैंक कर्मचारी सेवा नियोजन, विबंधन तथा उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 कोच नियम के 57 (एक) गंभीर दण्ड के उप नियम (द) नया उसकी दावा से (पृथक करना) किया जाना जो भावी नियोजन के लिये निर्हरता न होग(द) के अनुसार “सेवा शशक शास्त्री को दिये जाने का निर्णय सेवानियम क्रमांक 61 के अंतर्गत सर्वसम्मति से लिया गया है।

06 श्री संतोष कुमार सोनी, पर्यवेक्षक (र्वसम्मति से विवशक शाखा अकलतरा) शाखा जांजगीर को शाखा अकलतरा के पुराना रिव्हाल्विंग खाता जिसमें दिनांक 23.03.2013 पर राशि 1,53,82,902. ०० का तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा समायोजन किया गया था जो कि पूर्णतः गलत या, इन खातों में (अंतिम बेलेन्स जिसे नये रिव्हाल्विंग खातों में ट्रासंफर किया गया) का योग जमा की गई राशि 1,53,82,902.00 के बराबर नहीं है। राशि का उपयोग समिति को भुगतान करने व धान खरीदी के

भुगतान के अग्रेषण किये जाने की जांच कराई। श्री संतोष कुमार सोनी पर्यवेक्षक के द्वारा जांच अधिकारी को प्रस्तुत प्रतिउत्तर समाधानकारक नही होने तथा आरोप कमांक 01 को प्रमाणित पाये जाने पर बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन, निबंधन तथा उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम कं. 57 (एक) गंभीर दण्ड अंतर्गत उपनियम कं. (ब) के अंतर्गत संस्था प्रबंधक के पद पर पदावनत किये जाने का दण्ड सेवानियम कं.61 के अनुसार सर्वसम्मति से लिया गया साथ ही यह भी निर्णय लिया गया।

०३. श्री माधव सिंह चौहान शाखा प्रबंधक, शाखा करगीरोड़ को समितियों का के.सी.सी. अंतर्गत ऋण

वितरण का समायोजन विलंब किये जाने, केश रेक्टिफिकेशन खाता से जमा/नामे किये जाने आदि के संबंध में आरोप पत्र जारी किया गया। आरोप पत्र में उल्लेखित 04 में से 02 आरोपों को आंशिक रूप से जांच अधिकारी के द्वारा प्रमाणित पाया गया है। तया श्री माधव सिंह चौहान शाखा प्रबंधक, शाखा करगीरोड़ के एक अन्य प्रकरण में श्री प्रकाश कुंभज बैंक कर्मचारी के साथ में दिनांक 13. 08.2021 से अब तक लगभग 30 किसानों के खाते से अनियमित तरीके से राशि नगद एवं ट्रांसफर कर गड़बड़ी किये जाने पर आरोप पत्र जारी किया गया। श्री माधव सिंह चौहान के द्वारा उक्त गड़बड़ी की सर्वप्रयम सूचना दी गई थी।

जांच प्रतिवेदन में खाताधारकों एवं अनपोस्टेड की राशि गड़बड़ी पाये जाने पर उक्त राशि जमा करायी गई है। जिससे यह प्रमाणित होता है कि लगाये गये आरोप सही है। जिसके लिये श्री माधव सिंह चौहान दोषी होने का लेख किया गया है।

श्री माधव सिंह चौहान, शाखा प्रबंधक के द्वारा जांच अधिकारी को प्रस्तुत प्रतिउत्तर समाधानकारक नही होने तथा आरोप कमांक 01 से 06 को प्रमाणित/दोषी पाये जाने पर बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन, निबंधन तया उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम कं.57 (एक) गंभीर दण्ड अंतर्गत उपनियम कं. (ब) के अंतर्गत सहायक लेखापाल के पद पर पदावनत किये जाने का दण्ड सेवानियम कं. 61 के अनुसार सर्वसम्मति से लिया गया।

कलेक्टर एवं प्राधिकृत अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी) को दिये गये है।

CBN 36
Author: CBN 36

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