डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण और विवेचना की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने की दिशा में मुंगेली पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। पुलिस अधीक्षक आईपीएस भोजराम पटेल के निर्देश पर में जिले के विवेचना अधिकारियों के लिए साइबर फोरेंसिक विषय पर एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में राज्य न्यायिक प्रयोगशाला रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. विक्रांत सिंह ठाकुर ने प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डिजिटल सुरक्षा इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य संग्रहण सोशल मीडिया विश्लेषण एवं मॉनिटरिंग मोबाइल फोरेंसिक तथा साइबर अपराधों की विवेचना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने, प्रकरणों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के वैज्ञानिक तरीके से संग्रहण, आईटी एक्ट की जानकारी तथा न्यायालय में सुदृढ़ विवेचना प्रस्तुत कर अपराधियों को दंड दिलाने की दिशा में पुलिस कर्मियों को दक्ष बनाना रहा।
डॉ. ठाकुर द्वारा साइबर अपराधों की जांच प्रक्रिया, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के संरक्षण, नवीनतम साइबर फोरेंसिक उपकरणों एवं तकनीकों के उपयोग, साइबर अपराधियों की कार्यप्रणाली तथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया। साथ ही साइबर अपराधों से संबंधित विभिन्न कानूनों एवं सरकारी पोर्टलों की जानकारी भी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवनीत कौर छाबड़ा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मयंक तिवारी उप पुलिस अधीक्षक हरविन्दर सिंह सहित जिले के सभी थाना एवं चौकी प्रभारी तथा विवेचना से जुड़े पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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