बिलासपुर। जिला कांग्रेस कमेटी बिलासपुर ग्रामीण के आह्वान कार्यकर्ताओं ने पाँच सूत्री मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में जिले की मूलभूत समस्याएँ लगातार बढ़ रही हैं, परंतु प्रशासन की ओर से उनके समाधान के लिए ठोस पहल नहीं की जा रही है।

कांग्रेस की पाँच प्रमुख माँगें
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिन मुद्दों को लेकर विरोध दर्ज कराया, उनमें मुख्य रूप से—
1.जर्जर और ख़स्ताहाल सड़कों की तत्काल मरम्मत,
2. बिजली बिलों में हो रही कथित अनियमितताओं और लूट पर रोक,
3. धान खरीदी व्यवस्था में सुधार तथा किसानों की लंबित समस्याओं का निराकरण,
4. छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री पर जारी अघोषित रोक समाप्त करने एवं रजिस्ट्री दरों में कमी,
5. गरीबों के पुराने मकानों और झोपड़ियों पर चलाए गए बुलडोजर अभियान पर रोक
जैसी माँगें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थानीय मुद्दों पर भी कार्यकर्ताओं ने नाराज़गी जताई।
हजारों कार्यकर्ता सड़कों पर, पुलिस ने नेहरू चौक पर रोका

सुबह से ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय की ओर रवाना हुए। कार्यकर्ताओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर पुलिस ने नेहरू चौक पर बैरिकेड्स लगाकर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।

स्थिति नियंत्रित रखने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार का भी उपयोग किया, जिसके चलते मौके पर हल्की धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें रोकने में सफलता पाई।
तनावपूर्ण माहौल, प्रशासन की कड़ी निगरानी

घटनास्थल पर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए थे। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया। समाचार लिखे जाने तक प्रदर्शन जारी था और दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी।
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