Explore

Search

November 19, 2025 8:07 pm

दयालबंद रास्ता बंद करने के मामले में जिला प्रशासन ने हाई कोर्ट में पेश की कार्रवाई रिपोर्ट

बिलासपुर। दयालबंद में सार्वजनिक आवागमन के रास्ते को कुछ लोगों द्वारा बंद करने पर मंगलवार को जिला प्रशासन ने हाई कोर्ट में कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें बताया कि रास्ते में बना निर्माण तोड़ दिया गया है। रास्ता आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। शासन की पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमांकन के बाद साफ हुआ है कि जमीन वाजिब-उल-अर्ज़ में दर्ज है। कलेक्टर की ओर से कहा गया है कि इस तरह की किसी भी गलत हरकत पर नजर रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने मामले को मानिटरिंग के लिए रखा है। कोर्ट ने इसका स्थायी समाधान करने के निर्देश दिए हैं ताकि दोबारा कोई इस तरह सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण न कर सके। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में बिलासपुर कलेक्टर को व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत कर बताने के निर्देश दिए कि उन व्यक्तियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने क्या कार्रवाई की, जिन्होंने दीवार खड़ी करके फुटपाथ को अवरुद्ध किया।
उल्लेखनीय है कि दयालबंद पुल के नीचे रहने वाले 15 परिवारों के लिए इस्तेमाल होने वाले चिह्नित फुटपाथ को कुछ लोगों ने अवरुद्ध कर दिया। इन लोगों ने पहले उस जगह से लगी ज़मीन खरीदने की कोशिश की थी। विफल रहने पर उन्होंने वहां एक लोहे का गेट और दीवार खड़ी कर दी, जिस पर एक धमकी भरा नोट भी चिपका है कि उस रास्ते से गुजरने वालों को उचित उपचार दिया जाएगा। हरिभूमि ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लिया और आरोपियों के रवैए और धमकी देने पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त की थी। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दीवार पर लिखा संदेश वस्तुत: राज्य के अधिकार के लिए एक सीधी चुनौती है, क्योंकि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं है।

दयालबंद पुल के नीचे 40 सालों से रह रहे 15 परिवारों के आने जाने के रास्ते को कुछ लोगों ने बंद कर दिया है। इससे इन्हें परेशानी हो रही थी। स्थिति यह रही कि बच्चों को पुल के नीचे से नदी पार करते हुए कंधे पर बिठाकर स्कूल छोड़ना और लाना पड़ रहा था। यहीं नहीं बाइक या दूसरे वाहन मुख्य सड़क पर या दुकानों में रखनी पड़ रही क्योंकि नदी में गाड़ी चलाने में मुश्किल होती है। बीमारी या आपात काल की स्थिति में परेशानी बढ़ जाती है। मामले की कलेक्टर से शिकायत करने के बाद मौके का सीमांकन भी किया गया जिसमें पगडंडी दर्शित की गई है। इसके बाद भी लोहे का गेट लगाकर और बाउंड्री बनाकर उसमें लिख दिया गया है कि इस रास्ते से गुजरने वालो की खूब खातिरदारी की जाएगी।

यह पूरी जमीन खसरा क्रमांक 175/1 से 175/9 तक के अंतर्गत आती है और सभी लोगों के पास उनकी जमीन के कागज हैं। यहां के निवासी राकेश मौर्य, कल्पनाथ मौर्य, पवन मौर्य, शकुंतला कश्यप, गिरिजा कश्यप, सरिता मौर्य, सीमा चक्रवर्ती और अन्य ने बताया कि रास्ता बंद करने वाले कुछ लोग उनकी जमीन को खरीदना चाहते हैं। नहीं बेचने पर इस तरह से तंग किया जा रहा है। इन निवासियों की शिकायत पर राजस्व विभाग की टीम ने निरीक्षण भी किया और पंचनामा बनाया। इसमें पाया गया कि सभी लोग सालों से निवास और रास्ते से आना जाना करते आ रहे हैं। निरीक्षण में पाया गया कि नक्शे में भी दयालबंद सड़क तक पगडंडी है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

Advertisement Carousel
CRIME NEWS

BILASPUR NEWS