बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र अर्सलान अंसारी की मौत के मामले में पुलिस ने विश्वविद्यालय प्रबंधन की गंभीर लापरवाही मानते हुए सुरक्षा अधिकारी, वार्डन और अन्य संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। कोनी थाना पुलिस ने बीएनएस की धारा 106(1) और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

कोनी पुलिस ने बताया कि घटना 23 अक्टूबर की है। बिहार के कादिरपुर निवासी छात्र अर्सलान अंसारी का शव विश्वविद्यालय परिसर स्थित सरस्वती मंदिर रोड के पास बने बांधा तालाब में तैरता हुआ मिला था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर विस्तृत जांच शुरू की। मामले को गंभीर मानते हुए अधिकारियों ने घटनास्थल का गहन जांच कराने, गवाहों के बयान दर्ज करने तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित अन्य परीक्षणों की बारीकी से जांच करने के निर्देश दिए थे।
जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि जिस तालाब में छात्र का शव मिला, वह काफी गहरा और फिसलनयुक्त क्षेत्र है। यहां सुरक्षा की दृष्टि से कोई मजबूत व्यवस्था नहीं की गई थी। तालाब के खतरनाक हिस्सों को चिह्नित नहीं किया गया था, न ही नो एंट्री बोर्ड लगाया गया था। इसके अलावा, वहां कोई सुरक्षा बाड़ा या चेतावनी संकेत भी मौजूद नहीं था, जबकि यह स्थान छात्रों की नियमित आवाजाही वाले क्षेत्र के पास है।
पुलिस का कहना है कि विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सुरक्षा अधिकारी, वार्डन और संबंधित कर्मचारियों की जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया। उनकी लापरवाही और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध न कराने के कारण ही छात्र की मौत होना पाया गया, जिसे पुलिस ने संज्ञेय अपराध की श्रेणी में माना है।
कोनी थाना पुलिस ने घटना के लिए जिम्मेदार पाए गए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस अब घटनास्थल की पुन: जांच, तकनीकी रिपोर्ट और गवाहों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी। फिलहाल मामले की जांच जारी है और पुलिस ने जल्द ही विस्तृत तथ्य सामने लाने की बात कही है।
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