विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी आरोपों को किया खारिज
बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय जीजीयू में हालात अचानक उस समय तनावपूर्ण हो गए जब एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने छात्र अर्सलान अंसारी की मौत कैंपस में बढ़ती असुरक्षा तथा प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। मुख्य गेट पर भारी संख्या में छात्र इकट्ठा हुए और देखते ही देखते विरोध उग्र हो गया। स्थिति संभालने के लिए पुलिस बल को तैनात करना पड़ा। धक्का-मुक्की और हल्की झड़प की भी सूचना मिली।
सोमवार की सुबह से ही एनएसयूआई, युवा कांग्रेस और कांग्रेस कमेटी के सैकड़ों कार्यकर्ता कैंपस के मुख्य द्वार पर जमा होते रहे। पोस्टर, नारों और मांगों के बीच कई प्रदर्शनकारी गेट पर चढ़ गए, जिसके बाद माहौल और गरमाता चला गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि छात्र अर्सलान अंसारी की मौत को एक महीना बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है।

छात्रों ने कैंपस में पानी की समस्या को भी प्रमुख मुद्दा बनाया। उनका आरोप है कि पीने के पानी की उचित व्यवस्था न होने की शिकायत करने पर दो छात्रों को बर्खास्त कर दिया गया, जिससे छात्रों में आक्रोश और बढ़ गया।
एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष नीरज पांडेय, प्रदेश उपाध्यक्ष तनमित छाबड़ा, प्रदेश महासचिव विकास सिंह ठाकुर, जिला अध्यक्ष रंजित सिंह और कांग्रेस नेता सुधांशु मिश्रा ने प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। एनएसयूआई नेताओं का कहना है कि कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल विश्वविद्यालय को एक खास विचारधारा की ओर मोड़ रहे हैं और असहमत राय रखने वाले छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी आरोपों को किया खारिज

दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी आरोपों को खारिज किया है। मीडिया प्रभारी मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि जिन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई, उन्हें तीन बार चेतावनी दी गई थी। चौथी बार वही गलती दोहराए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की गई है।
प्रदर्शन के बाद भी छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। वहीं प्रबंधन का कहना है कि नियम और अनुशासन से समझौता संभव नहीं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की मांगों पर कोई ठोस कदम उठाएगा या एनएसयूआई अपने आंदोलन को और तेज करेगी।

फिलहाल कैंपस में स्थिति पूरी तरह शांत नहीं कही जा सकती पर घटनाक्रम पर पुलिस और प्रशासन लगातार निगरानी बनाए हुए हैं।
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