जीएसटी त्योहार और मंत्रियों की ड्यूटी
जीएसटी रिफार्म के बाद अब भाजपा इसे उत्सव के रूप में मना रही है।भाजपाइयों के लिए यह त्योहार से कम नहीं है। तभी तो जीएसटी 2.0 रिफार्म के बाद मंत्री सीधे सड़क पर उतर आए हैं। बाजार पहुंचकर जायजा ले रहे हैं और व्यापारी से लेकर आम आदमी का नब्ज भी टटोल रहे हैं। जीएसटी रिफार्म के बहाने सत्ताधारी दल कैंपेनिंग में जुटती नजर आ रही है। तभी तो मंत्री से लेकर विधायक और पदाधिकारी से कार्यकर्ता सभी जीएसटी की माला जप रहे हैं। भाजपा का सोशल मीडिया सेल भी एक्टिव हो गया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी जमकर कैंपेनिंग चल रही है। कैंपेनिंग देखकर चुनावी माहौल की याद ताजी हो जाती है। हालांकि छत्तीसगढ़ में तीन साल कोई चुनाव नहीं है। फिर भी कैंपेन उसी अंदाज में चल रही है।
बिलासपुर में कलेक्टर रहे विकासशील अब मुख्य सचिव
आईएएस विकासशील गुप्ता बिलासपुर में कलेक्टरी कर चुके हैं। उस दौर में उनकी कलेक्टरी का जवाब नहीं था। बेहद शालीन और काम के पक्के आईएएस को दिल्ली ने उनके काम का ही ईनाम दिया है। तभी तो मनीला से स्पेशल उनको छत्तीसगढ़ सरकार का बुलावा भेजा गया। बिलासपुर जिले के पूर्व कलेक्टर विकासशील अब छत्तीसगढ़ शासन में मुख्य सिव की कुर्सी संभालेंगे। बहुत कम लोगों को पता है बिलासपुर में कलेक्टर रहते विकासशील ने टीएल मीटिंग का पैटर्न शुरू किया था। जो आज पूरे प्रदेशभर में प्रचलित हो गया है। नवाचार करने वाले आईएएस अब प्रदेश की कमान संभालेंगे।
बिलासपुर और रोल माडल जवाब नहीं
छत्तीसगढ़ की न्यायधानी के रूप में बिलासपुर की प्रसिद्धी प्रदेशभर में है। नशे के सौदागर और पैडलर युवा पीढ़ी को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यह सब देखकर बिलासपुर एसएसपी ने कुछ बड़ा करने की सोची और करके दिखा भी दिया। नशे के सौदागरों व पैडलरों द्वारा गलत तरीके से बनाई गई संपत्ति को फ्रीज करने का काम शुरू किया। दाद देनी होगी बिलासपुर पुलिस की जिसने एसएसपी के एक इशारे पर सब-कुछ कर दिखाया। नशे के सौदागरों की बेनामी संपत्ति अबब फ्रीज होने लगी है। बुरे काम का बुरा नतीजा की तर्ज पर संपत्ति फ्रीज कर सरकारी खजाने में जमा कराई जा रही है। बिलासपुर एसएसपी का यह सोच और कार्रवाई अब तो पूरे छत्तीसगढ़ में रोल माडल बन गया है। बिलासपुर से शुरू हुई यह कार्रवाई अब छत्तीसगढ़ के दूसरे जिले में भी होने लगी है। जिलों के पुलिस कप्तान नशे के सौदागरों व पैडलर पर करारा चोट मार रहे हैं और बेनामी संपत्तियों को फ्रीज करा रहे हैं। कहावत है ना, काम बोलता है। वही हो रहा है। कप्तान के काम का जवाब नहीं है।
कांग्रेस में संगठन सृजन का दौर
कांग्रेस में संगठन सृजन का दौर शुरू हो गया है। ब्लाक से लेकर जिला व शहर अध्यक्षो की ताजपोशी होनी है। दिल्ली के निर्देश पर आब्जर्वर की तैनाती कर दी गई है। सुनने तो यहां तक आ रहा है संगठन प्रमुखों की ताजपोशी अब तेरा मेरा भाई भतीजावाद नहीं चलेगा। टेलेंट को मौका मिलेगा। मौका के साथ ही कुर्सी और पावर भी। पावर को लेकर ही तो बड़े नेताओं और चमचों की धड़कनें बढ़ी हुई है। सोच में पड़ गए हैं, अपनों को एजडस्ट नहीं करा पाए और अपनों से बाहर का आदमी कुर्सी पर बैठ गया तब आगे क्या होगा। चमचों की बातें लाजवाब है। चमचे तो सौ फीसदी कंफीडेंट हैं कि बॉस कुछ कर ही लेंगे। एडजस्ट हो ही जाएंगे। देखते हैं आगे क्या होता है।
अटकलबाजी
जीएसटी रिफार्म के बाद लहर सी चल पड़ी है। मंत्री अपने अंदाज में व्यापारियों से लेकर आम लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। ठीक उसी अंदाज में। फिल्मी अंदाज और महानायक के रोल में। रोल काटने वालों को देखकर किस-किस के सीने पर सांप लोट रहा है।
संगठन सृजन की उलटी गिनती शुरू हो गई है। निकाय चुनाव में जिन लोगों को संगठन से हकाला गया था वे लोग अब खुश नजर आ रहे हैं। इनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। पता करिए इनकी खुशी दिनों- दिन क्यों बढ़ती जा रही है।

प्रधान संपादक




