बिलासपुर। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने कहा है कि कोयला और फ्लाई ऐश का परिवहन करने वाले वाहनों को अब कवर के साथ परिवहन करना होगा। इसके बगैर परिवहन की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य शासन द्वारा बनाए गए नियमों का सख्ती के साथ पालन करने की हिदायत दी है। एनटीपीसी व एसईसीएल की ओर से शपथ पत्र के साथ जानकारी दी गई है। दोनों की कंपनी के अफसरों ने कोर्ट को बताया कि कोल व फ्लाई एश के ट्रासंपोर्टरों को तारपोलिन से कवर कर परिवहन करने का निर्देश दिया है। बगैर कवर परिवहन की अनुमति नहीं दी जा रही है।
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में जारी अधिसूचना का शत-प्रतिशत पालन करना होगा। कोई ट्रक बिना तारपोलिन ढके सड़क पर चलेगा और न ही ओवरलोडिंग की अनुमति दी जाएगी। इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने आदेश कोर्ट ने दिया है।
बीते सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एसईसीएल और एनटीपीसी के आला अफसरों से शपथ पत्र के जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। एसईसीएल की तरफ से बताया गया कि कंपनी से कोयला परिवहन करने वाले सभी ट्रकों को अब कम से कम 200 जीएसएम मोटाई के तिरपाल से ढंकना अनिवार्य कर दिया गया है। तिरपाल का फटा या घिसा होना मंजूर नहीं होगा। खदान परिसर के हर एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर 24 घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हर ट्रक की फोटो-वीडियो डेट और टाइम स्टैम्प के साथ ली जा रही
एनटीपीसी सीपत ने अपने शपथ पत्र में कोर्ट को बताया कि नया एसओपी जारी किया गया है। सभी ट्रांसपोर्टरों को लिखित निर्देश दिए हैं कि बिना तिरपाल वाहनों के परिवहन की अनुमति नहीं होगी। 28 जुलाई को बैठक कर ट्रांसपोर्टरों को कड़ी चेतावनी दी गई। सभी वाहनों पर अब 200 जीएसएम तिरपाल अनिवार्य कर दिया गया है। ओवरलोडिंग रोकने के लिए तीन डिजिटल वेट ब्रिज लगाए गए हैं। सीसीटीवी व कैमरे से हर वाहन की निगरानी की जा रही है। गाड़ियों की एंट्री और एग्जिट के समय फोटो ली जाती है और राख उड़ने से पहले वाहन की धुलाई भी की जाती है। हर ट्रक पर ट्रिप शीट चिपकाई जा रही है जिसमें मालिक, ट्रांसपोर्टर और गंतव्य का नाम दर्ज रहता है।
है। इसके अलावा वाहनों की पहचान स्पष्ट रहे, इसके लिए सामने की विंडस्क्रीन पर मालिक का नाम, ट्रक का विवरण और गंतव्य भी लिखा जाएगा। सीआईएसएफ को निर्देश दिया गया है कि बिना ढके कोई वाहन न निकलें। वाहनों पर पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है।

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