बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट ने एक शिक्षिका के तबादले को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य शासन के युक्तियुक्तकरण नीति के तहत जारी तबादला आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद याचिकाकर्ता को उनके मूल कार्यस्थल शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोड़ अभनपुर में पुनः पदस्थ कर दिया गया, जिसके पश्चात हाई कोर्ट ने याचिका का निराकरण कर दिया।
याचिकाकर्ता कुमकुम झा, वर्ष 2010 से शासकीय उमा. विद्यालय, पोड़ (ब्लाक अभनपुर) में व्याख्याता (एलबी) भौतिकी के पद पर कार्यरत थीं। शासन की युक्तियुक्तकरण नीति के अंतर्गत उन्हें अतिशेष घोषित किया गया, जिसके चलते अप्रैल 2025 में काउंसलिंग आयोजित हुई। इस काउंसलिंग में उन्होंने शा.उ.मा.वि. मठपारा, धरसींवा का चयन किया और 4 जून 2025 को स्थानांतरण आदेश भी जारी हो गया।
जब शिक्षिका मठपारा स्कूल में पदभार ग्रहण करने पहुंचीं, तो वहां के प्राचार्य ने यह कहते हुए पदभार लेने से मना कर दिया कि विद्यालय में व्याख्याता भौतिकी का पद रिक्त नहीं है। इसके बाद कुमकुम झा ने काउंसलिंग समिति को आवेदन दिया, जिसने उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर से संपर्क करने को कहा। हालांकि, शिक्षिका द्वारा दिए गए अभ्यावेदन का कोई निराकरण नहीं किया गया।
इसके बाद शिक्षिका ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने डीईओ रायपुर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया। हाई कोर्ट का नोटिस जारी होते ही प्रशासन सक्रिय हुआ और 30 जून 2025 को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा एक आदेश जारी किया गया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि मठपारा में पद रिक्त नहीं होने के कारण युक्तियुक्तकरण के तहत किया गया तबादला निरस्त किया जा रहा है और कुमकुम झा को पुनः पोड़ विद्यालय में पदस्थ किया जा रहा है।

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