बिलासपुर। बलरामपुर रामानुजगंज जिले के पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग में उपसंचालक के पद पर पदस्थ डॉक्टर तनवीर अहमद का स्थानांतरण जिला बलरामपुर रामानुजगंज से जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर किए जाने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गठित वरिष्ठ सचिवों की समिति के निर्णय आते तक स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है।

जिला बलरामपुर रामानुजगंज के पशु चिकित्सा विभाग में उपसंचालक के पद पर पदस्थ डॉक्टर तनवीर अहमद का स्थानांतरण छत्तीसगढ़ शासन ने जिला बलरामपुर रामानुजगंज से जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर किए जाने को चुनौती देते हुए अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की थी। जिसकी सुनवाई जस्टिस बीडी.गुरु के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता कि उम्र 63 वर्ष है, तथा दिल के मरीज है। याचिकाकर्ता का स्थानांतरण बलरामपुर रामानुजगंज से महेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जो कि अनुसूचित क्षेत्र है किया जाना छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग के सर्कुलर दिनांक 3 जून 2015 का उल्लंघन है, जिसमें 55 वर्ष से अधिक के कर्मचारियों को यथासंभव दुर्गम अनुसूची क्षेत्र में पद स्थापना से मुक्त रखने का उल्लेख है तथा प्रथम नियुक्ति के समय कर्मचारियों को दुर्गम अनुसूचित क्षेत्र में कम से कम दो वर्ष के लिए अथवा सामान्य अनुसूची क्षेत्र में काम से कम 3 वर्ष के लिए पदस्थ किया जाए और शासकीय सेवक द्वारा अनुसूचित क्षेत्र में की गई सेवा अवधि के अनुसार उसकी पद स्थापना गैर अनुसूचित क्षेत्र में करने पर विचार किया जाएगा, उल्लेख किया गया है। जबकि विभाग द्वारा याचिकाकर्ता के अनुसूचित क्षेत्र में की गई सेवा को ध्यान में नहीं रखते हुए पुनः अनुसूचित क्षेत्र महेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर किया जाना सरासर गलत है,क्योंकि याचिकाकर्ता पूर्व में अनुसूचित क्षेत्र में 63 वर्षों तक काम कर चुका है। याचिकाकर्ता की सेवाएं वर्तमान पद स्थापना स्थल पर मात्र 2 वर्ष पूर्ण हुए हैं। याचिका में एक अन्य आधार यह भी लिया गया की याचिकाकर्ता कि पत्नी वर्तमान में शिक्षक एलबी के पद पर जिला सरगुजा में पदस्थ है, उपरोक्त आधार पर माननीय न्यायालय ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गठित कमेटी के समक्ष 5 दिन के भीतर अभिव्यावेदन प्रस्तुत करने तथा वरिष्ठ सचिवों की समिति द्वारा 15 दिन के भीतर निराकरण करने के आदेश जारी किया गया तब तक यचिकाकर्ता के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगी रहेगी का आदेश पारित किया।

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