रायपुर। साइबर अपराध पर अंकुश लगाने आईजी अमरेश मिश्रा द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी म्यूल बैंक खातों के जरिए साइबर ठगी की रकम को ठिकाने लगाने में शामिल थे। आरोपियों को ओडिशा, धमतरी और रायपुर से पकड़ा गया है। इनमें से कुछ के खिलाफ पूर्व में एनडीपीएस एक्ट, आर्म्स एक्ट और प्रतिबंधात्मक धाराओं में भी प्रकरण दर्ज हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रेंज साइबर थाना रायपुर को उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक सिविल लाइन शाखा में खोले गए 104 म्यूल खातों से जुड़ी 36 लाख रुपए की साइबर ठगी की रिपोर्ट पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इस मामले में सिविल लाइन रायपुर और थाना आजाद चौक में इंडियन ओवरसीज बैंक के 22 खातों के संबंध में अपराध दर्ज किया गया। दोनों ही मामलों में भादंवि की धारा 317(2), 317(4), 317(5), 111 और बीएनएस की धारा 3(5) के तहत केस पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। जांच के दौरान पता चला कि म्यूल बैंक खातों को किराए पर लेकर आरोपियों द्वारा खुद ऑपरेट किया जा रहा था और ठगी की रकम को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर खपाया जा रहा था। कुछ खातों से बैंक जाकर भी रुपये निकाले गए हैं। पुलिस ने खाताधारकों, सिम बेचने वालों और बैंक अधिकारियों को जांच के दायरे में लिया। पहले गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और तकनीकी जांच से मिली जानकारी के आधार पर तीन और आरोपियों को दबोचा गया। आरोपियों द्वारा बार-बार ठिकाना बदलकर साइबर ठगी को अंजाम देने की बात भी सामने आई है। गिरफ्तार आरोपियों में ओडिशा के प्रदुम महानंद, धमतरी के मोहित साहू, रायपुर के अमित जगत, धर्मेंद्र सोनी उर्फ विक्की, रविराज पांडेय, साईमन पैट्रिक रॉक, भगवत प्रसाद शुक्ला और गौरव मचखंड शामिल हैं। इनमें रविराज पांडेय पर पूर्व में एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं। सभी आरोपियों को न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया है। मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।


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