Explore

Search

October 23, 2025 10:33 pm

केवीके कर्मचारियों ने आईजीकेवी में अधिकारों को लेकर किया जोरदार प्रदर्शन, तकनीकी कर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन; चेताया- नहीं मानी मांगें तो अनिश्चितकालीन हड़ताल

बिलासपुर छत्तीसगढ़ ।इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (आईजीकेवी) के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों ने मंगलवार को विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। तकनीकी कर्मचारी संघ (टीएसए) के नेतृत्व में कुलपति कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुए प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और कुलपति कक्ष का घेराव कर अपनी लंबित मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय वर्षों से संवैधानिक और सेवा-संबंधी अधिकारों की अनदेखी कर रहा है। भूखे-प्यासे बैठे कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर 24 घंटे के भीतर ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो वे संविधान प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेंगे।

संघ के अध्यक्ष डॉ. पी.के. सांगोड़े ने कहा, “हमने बार-बार संवाद और ज्ञापन के माध्यम से अपनी समस्याओं को उठाया, लेकिन हर बार हमें नजरअंदाज किया गया। अब टीएसए और केवीके के सभी सदस्य एक स्वर में अपने अधिकारों की बहाली की मांग कर रहे हैं।”

उपाध्यक्ष डॉ. ईश्वरी साहू ने कहा कि यह आंदोलन केवल सुविधाओं के लिए नहीं, बल्कि संवैधानिक अधिकारों की पुनर्स्थापना के लिए है। वहीं डॉ. गजेंद्र चंद्राकर ने विश्वविद्यालय अधिनियम के उल्लंघन का हवाला देते हुए कहा कि अधिनियम में तकनीकी स्टाफ की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष और गैर-तकनीकी स्टाफ के लिए 62 वर्ष निर्धारित है, लेकिन केवीके स्टाफ को 60 वर्ष में सेवानिवृत्त किया जा रहा है, जो असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण है।

प्रमुख टीएसए/केवीके प्रतिनिधियों द्वारा सौंपे गए 7 सूत्रीय मांगपत्र में शामिल हैं:

सेवा शर्तों एवं वेतनमान की विश्वविद्यालय समतुल्यता की बहाली एनपीएस/ओपीएस का पुनः क्रियान्वयन मेडिकल व अन्य भत्तों की पुनर्बहाली सीएएस/उच्च वेतनमान योजनाओं की पुनः स्थापना सेवा-निवृत्ति आयु को 65/62 वर्ष करना पेंशन, ग्रेच्युटी व अन्य सेवानिवृत्त लाभों की गारंटी मूलभूत समस्याओं के समाधान तक अस्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया पर रोक

प्रदर्शन के दौरान कुछ कर्मचारियों ने यह भी बताया कि उन्हें पिछले आठ महीनों से वेतन नहीं मिला है, और हाल ही में कम वेतन जबरन ट्रांसफर कर दिया गया है, जो डिमोशन के रूप में देखा जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों ने आईजीकेवी प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं, लेकिन उन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अधीन बताकर गुमराह किया जा रहा है। कुलपति के कक्ष में भूखे-प्यासे बैठे कर्मचारियों ने यह भी पूछा कि अगर वे आईजीकेवी के अधीन हैं, तो आईसीएआर के नियम क्यों लागू किए जा रहे हैं।

प्रदर्शन के दौरान कंट्रोलर उमेश अग्रवाल के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी हुई। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि कंट्रोलर पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं और केवीके कर्मचारियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। ‘कंट्रोलर हटाओ, आईजीकेवी बचाओ’ जैसे नारों के साथ कर्मचारियों ने आक्रोश जाहिर किया।

प्रदर्शन के बाद कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने आंदोलनकारियों से चर्चा

कुलपति डॉ गिरीश चंदेल ने आश्वासन दिया कि बुधवार तक विश्वविद्यालय द्वारा उनकी मांगों पर कार्यवाही संमत पत्र जारी कर दिया किया जाएगा। संघ ने कुलपति से स्पष्ट किया कि यदि तय समयसीमा कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो वे लोकतांत्रिक तरीके से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

Advertisement Carousel
CRIME NEWS

BILASPUR NEWS