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July 21, 2025 4:13 pm

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सुशासन तिहार में रंग ला रही कलेक्टर संजय अग्रवाल की भूजल संरक्षण की कोशिशें,मोर गांव-मोर पानी महाअभियान में जुट रहे ग्रामीण, जल संरक्षण को लेकर दिखा रहे उत्साह

रिचार्जपीट, बोरीबंधान, डबरी जैसे अन्य कार्यों से भू जल संरक्षण की कवायद

बिलासपुर छत्तीसगढ़ ।सुशासन तिहार के मौजूदा दौर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुरुप कलेक्टर संजय अग्रवाल की भूजल स्रोत को बचाने की कोशिशें रंग लाते दिखाई दे रही है।

बीते दिनो कलेक्टर ने बोरवेल की खुदाई पर रोक लगाने के साथ ही बोर मशीनों में जीपीएस सिस्टम लगाने का निर्देश दिया था। भूजल स्रोत को बचाने के लिए मोर गांव मोर पानी अभियान की शुरूआत भी कर दी है। कलेक्टर की कोशिशें अब ग्रामीण इलाकों में रंग लाते दिखाई दे रही है। कलेक्टर के आह्वान पर ग्रामीण न केवल जुट रहे हैं साथ ही बारिश के दिनों में जल के भराव को लेकर अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप जिले के ग्राम पंचायतों में मोर गांव-मोर पानी महाअभियान प्रारंभ कर दिया गया है। कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर जिले में भू-जल स्तर को बढ़ाये जाने के लिए ग्रामीणजनों के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु जल जागरूकता संगोष्ठियों का आयोजन, जल जागरूकता रैली, महात्मा गांधी नरेगा के कार्यस्थलों पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन एवं दिवाल लेखन तथा पोस्टर-बैनर के माध्यम से भविष्य के भू-जल संकट तथा भू-जल के कम से कम दोहन एवं फसल चक्र की जानकारी दी जा रही है। साथ ही सभी सार्वजनिक स्थलों पर भू-जल संरक्षण संकल्प ग्रामीणजनों के बीच लिये जा रहे है। गौरतलब है कि विकासखण्ड बिल्हा एवं तखतपुर जल स्तर की सेमीक्रिटीकल श्रेणी में शामिल है। विशेष अभियान चलाकर इन विकासखण्डों में भू-जल संरक्षण के कार्यक्रम चलाये जा रहे है।

भू जल संरक्षण को लेकर तैयारी, एक नजर में


भू-जल संरक्षण के लिए बड़ी संख्या में रिचार्जपीट के कार्य महात्मा गांधी नरेगा योजना से स्वीकृत किये गये है, जिसमें विकासखण्ड बिल्हा में 80, कोटा में 37, मस्तूरी में 30 तथा तखतपुर में 30 इस प्रकार कुल 177 रिचार्जपीट के कार्य स्वीकृत किये गये है। रिचार्जपीट के कार्य कराये जाने से भू-जल स्तर में वृद्धि होगी। बाराहमासी नालों में श्रमदान एवं जलभागीदारी से बोरीबंधान के कार्य किये जा रहे है। जिसमें से विकासखण्ड बिल्हा के 03 नालों में 03 कार्य, कोटा के 03 नालों में 05 कार्य, मस्तूरी के 03 नालों में 06 कार्य तथा तखतपुर के 07 नालों में 10 बोरीबंधान कार्य इस प्रकार कुल जिले के 16 नालों में 23 बोरीबंधान कार्य कराये जा चुके है तथा जिले के सभी बाराहमासी नालों में बोरीबंधान कार्य जनजागरूकता के माध्यम से ग्रामीणजनों के सहयोग से कराये जा रहे है।

तकनीक का भी कर रहे प्रयोग


जिले के सुख चुके बोर में सेंडफिल्टर रिचार्ज तकनीक एवं डबरी अथवा परकोलेशन टैंक में इंजेक्शन वेल तकनीक से वास्तविक भू-जल को रिचार्ज कराये जाने के लिए स्थल चिन्हांन तथा क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया गया है। जलदूत मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से कुंओ में किये गये जल स्तर के मापन को सभी ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक दिवालों पर लेखन कराया गया है ताकि उस गांव के जल स्तर के संबंध में ग्रामीणजनों को जानकारी हो सके तथा भू-जल सरंक्षण में जागरूकता लाया जा सके।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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