बिलासपुर: छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल के चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने बार काउंसिल आफ इंडिया और स्टेट बार काउंसिल (एसबीसी) को निर्देश दिया है कि वे प्रस्तावित चुनाव कार्यक्रम तैयार कर अदालत में पेश करें। इस मामले में अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।
इससे पहले, हाई कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने पिछले छह वर्षों से स्टेट बार काउंसिल के चुनाव न होने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने 18 फरवरी 2025 को पारित अपने आदेश के पालन की स्थिति के बारे में पूछा। साथ ही, बीसीआइ की ओर से शपथपत्र दाखिल न किए जाने पर भी असंतोष व्यक्त किया। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने पूर्व में दिए गए आदेश के अनुपालन पर चर्चा की। बीसीआइ के अधिवक्ता ने जानकारी दी कि सचिव द्वारा शपथपत्र भेज दिया गया है, लेकिन वह हाई कोर्ट को प्राप्त नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।
18 फरवरी की सुनवाई में हाई कोर्ट ने बीसीआइ और एसबीसी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे कि चुनाव कार्यक्रम बीसीआइ नियमों और अधिसूचनाओं के अनुसार तैयार किया जाए, ताकि चुनाव में किसी प्रकार की देरी न हो।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि बीसीआइ नियमों में 30 जनवरी 2015 को किए गए संशोधनों को छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल तक क्यों नहीं पहुंचाया गया और इसे सार्वजनिक करने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। इसी संदर्भ में बीसीआई और एसबीसी से शपथपत्र दाखिल करने को कहा गया था। बीसीआइ और एसबीसी ने अपने-अपने शपथपत्र पेश कर दिए। इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों को निर्देश दिया कि वे चुनाव कार्यक्रम तैयार कर उसे हाई कोर्ट में प्रस्तुत करें। इस मामले में एसबीसी की ओर से अधिवक्ता पलाश तिवारी और BCI की ओर से अधिवक्ता शिवांग दुबे ने पक्ष रखा। अब अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी, जिसमें चुनाव कार्यक्रम पर अंतिम निर्णय लिए जाने की संभावना है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief