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March 14, 2025 6:50 pm

IAS Coaching

सेंट्रल यूनिवर्सिटी के सभी दैनिक वेतनभोगी हो चुके हैं नियमित.विवि के वकील ने हाईकोर्ट में कहा ,हमें करने दें नियुक्ति

बिलासपुर। सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी में कर्मचारियों की नई भर्ती के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान विवि के अधिवक्ता ने कहा कि, कोर्ट के आदेशानुसार सभी दैनिक वेतनभोगी पहले ही नियमित किए जा चुके हैं और पहले से एलडीसी के रूप में काम करते आ रहे हैं।
गुरुघासीदास विवि में एलडीसी और चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की नई भर्ती को चुनौती देते हुए याचिका दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने दाखिल की है । इसमें बताया गया है कि, विवि में वर्षों से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी अब तक अदालत के आदेश के बाद भी नियमित नहीं किये गये हैं । इसके बाद भी विवि प्रशासन एलडीसी और चतुर्थ वर्ग के रिक्त पदों पर नई भर्ती कर रहा है । इस प्रक्रिया से इन दैनिक वेतनभोगियों का हित प्रभावित होगा । जस्टिस ए के प्रसाद की सिंगल बेंच में सुनवाई के दौरान आज विवि के वकील आशीष श्रीवास्तव ने कोर्ट से कहा कि, हाईकोर्ट ने जो आदेश अपने निर्णय में पहले दिया है ,उस पर निर्देशित किया है कि , सभी कर्मचारी नियमित होंगे, इसके मुताबि.क ही यह सभी पहले से ही नियमित हैं और उन्हीं पदों पर कार्यरत भी हैं ।

इन्हें कोई नुकसान नहीं होगा सिर्फ भविष्य की सम्भावनाओं के आधार पर याचिका लगाई गई है । कर्मचारियों की ओर से एडवोकेट दीपाली पाण्डेय ने कहा कि , अब तक इन सबको वास्तविक तौर पर नियमित नहीं किया गया है । जो पे स्लिप दी जा रही है उसमं भी दैनिक वेतनभोगी लिखा जाता है । यह स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए ।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी विवि की एसएलपी
मालूम हो कि गुरुघासीदास केन्द्रीय विवि के देवेभो कर्मचारियों को नियमित करने के मामले में विवि द्वारा पेश सभी एसएलपी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी ।
इससे पहले हाईकोर्ट की डीविजन बेंच ने अपील खारिज की थी ।सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ऋषिकेश रॉय औअर जस्टिस प्रशांत मिश्रा की डीबी ने सुनवाई करते हुए कहाथा कि दो दशकों से अधिक समय से काम कर रहे दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने के मामले में, हमें उच्च न्यायालय के निर्देश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है, अतः विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जाती हैं।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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