बिलासपुर। बिलासपुर पुलिस ग्राउंड में बैरक निर्माण पर रोक की मांग करते हुए इंतजामिया कमेटी की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद रोक लगाने से इंकार कर दिया। मजार के पास बैरक निर्माण के खिलाफ याचिका दायर कर इसे मजार वाले बाबा की संपत्ति व् धार्मिक आस्था का केंद्र बताते हुए स्टे की मांग की गई थी। बिलासपुर कलेक्टर ने शपथ पत्र पेश कर इसे पुलिस विभाग की सम्पत्ति बताई है. कलेक्टर के शपथ पत्र के आधार पर स्थगन देने से कोर्ट ने इंकार कर दिया है.
पुलिस ग्राउंड में मदार शाह बाबा का मजार है। देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ समय बाद मदार शाह बाबा का इंतकाल हुआ और उन्हें यहां दफनाया गया था। इसके अलावा यहां हजरत जाकिर शाह और हजरत भोले पीर की भी मजार है। उनके अनुयायी यहां उनकी याद में मजार बना उनकी इबादत शुरू करते है। यह मुस्लिम समाज की आस्था का बड़ा केंद्र है। बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग यहां आते हैं। पुलिस ग्राउंड में उर्स का भी आयोजन किया जाता है। यहां बाबा की मजार के पास पुलिस विभाग द्वारा शस्त्रागार रखने और पुलिस जवानों के रहने हेतु कंस्ट्रक्शन का कार्य करवाया जा रहा है। जिसके खिलाफ इंतजामिया कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर निर्माण कार्य रूकवाये जाने की मांग की।
मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई में पुलिस विभाग द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्य को अवैधानिक बताते हुए स्टे देने की मांग की गई थी। कमेटी के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस विभाग द्वारा काफी तेजी से निर्माण करवाया जा रहा है,जिसे रोके जाने की आवश्यकता है। पूर्व में हुई सुनवाई में 24 जनवरी को बिलासपुर कलेक्टर से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट के साथ शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही बिलासपुर कलेक्टर को इस मामले को देखने का निर्देश कोर्ट ने दिया था.


सुनवाई के दौरान शासन के अधिवक्ता ने बताया कि बिलासपुर कलेक्टर ने पुलिस विभाग और याचिकाकर्ता पक्ष की संयुक्त मीटिंग बुलाई थी। जिसमें दोनों पक्षों को कलेक्टर ने विस्तार पूर्वक सुना है। इसके अलावा जमीन के स्वामित्व की जांच के लिए कलेक्टर ने बिलासपुर एसडीएम,तहसीलदार,टाउन एंड कंट्री प्लानिंग आदि की टीम बना जांच करवाई थी। जांच टीम ने मौके का निरीक्षण कर और रिकॉर्ड का अवलोकन कर जांच प्रतिवेदन तैयार की है। जांच प्रतिवेदन के अनुसार उक्त जमीन नजूल शीट की रिकॉर्ड में पुलिस लाइन पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट के नाम से दर्ज है। इसके अलावा मदार शाह बाबा दरगाह के लोगो और इंतजामिया कमेटी की ओर से कभी भी उन्हें पुलिस लाइन की जमीन आबंटित होने का कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया है। राज्य शासन के जवाब के बाद कोर्ट ने निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है.

Author: Ravi Shukla
Editor in chief