पूना मारगम’ पहल के तहत मुख्यधारा में लौटने की पहल तेज
सुकमा, 12 दिसंबर 2025।छत्तीसगढ़ शासन एवं भारत सरकार की नीतियों के अनुरूप बस्तर रेंज में शांति स्थापना और पुनर्वास की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण सफलता शुक्रवार को जिला सुकमा में दर्ज हुई। पूना मारगम: पुनर्वास से पुनर्जीवन पहल के अंतर्गत जिले में 10 सक्रिय माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वालों में 6 महिला माओवादी भी शामिल हैं। सभी पर मिलाकर कुल 33 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
हथियारों का विधिवत समर्पण

आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों ने सुरक्षा बलों के समक्ष 1 एके-47 राइफल, 2 एसएलआर, 1 स्टेन गन, 1 बीजीएल लॉन्चर और 1 .303 राइफल जमा की। इन हथियारों पर घोषित कुल इनाम राशि लगभग 8 लाख रुपये थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह कदम हिंसा से दूरी बनाने और कानून व्यवस्था में विश्वास का स्पष्ट संकेत है।
कई उच्च स्तर के कैडर शामिल,आत्मसमर्पण करने वालों में

पीएलजीए बटालियन नंबर 01 के प्लाटून कमांडर (CyPCM रैंक),
• दरबा डिवीजन के 2 एरिया कमेटी सदस्य (ACM),
• पीएलजीए मिलिट्री प्लाटून 31 और 26 के 2 PPCM सदस्य,
• गोल्लापल्ली LOS के 2 सदस्य,
• तथा 3 पार्टी सदस्य (PM) शामिल हैं।
वर्ष 2025 में अब तक 263 माओवादी आत्मसमर्पण
सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक कुल 263 माओवादी कैडर हिंसा छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह आँकड़ा क्षेत्र में बढ़ते विश्वास, स्थिरता और विकास की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
माओवादी विचारधारा का अंत निकट -आइजी बस्तर
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी ने कहा कि सुकमा में 10 माओवादियों का आत्मसमर्पण, हिंसक और जनविरोधी माओवादी विचारधारा के कमजोर पड़ने का संकेत है। उन्होंने बताया कि पिछले 11 महीनों में बस्तर रेंज के विभिन्न जिलों में कुल 1514 से अधिक माओवादी कैडर हिंसा का मार्ग त्याग चुके हैं।
आईजी ने आगे कहा कि शेष माओवादी-जिनमें पोलित ब्यूरो सदस्य देवजी, डीकेएसजेडसी सदस्य पाप्पा राव देवा बारसे देवा आदि शामिल हैं के पास अब आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में जुड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
वायान वाटिका में पौधारोपण, पुनर्समावेशन का प्रतीक


आत्मसमर्पण कार्यक्रम के दौरान सुकमा जिला मुख्यालय स्थित पुनर्वास केंद्र में ‘वायान वाटिका’ नामक स्थल पर एक प्रतीकात्मक पौधारोपण भी किया गया। ‘वायान वाटिका’ का अर्थ गोंडी भाषा में “आशा और भविष्य की बगिया” है। पुनर्वासित माओवादी कैडरों ने समुदाय के वरिष्ठजनों द्वारा प्रदान किए गए पौधे रोपे, जो शांतिपूर्ण भविष्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक माना जा रहा है।

कार्यक्रम में आईजी बस्तर आईपीसी सुन्दरराज पी कलेक्टर देवेश धूर्व एसपी किरण चव्हाण सीआरपीएफ के डीआईजी आनंद सिंह सहित स्थानीय समाज के वरिष्ठजन पत्रकार पुलिस अधिकारी और बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवान उपस्थित थे।
स्थानीय समुदाय की सक्रिय भूमिका

अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय समुदाय की बढ़ती सहभागिता, सुरक्षा-व्यवस्था और सामाजिक पुनर्समावेशन के लिए बस्तर में हो रहे सकारात्मक बदलावों को और गति प्रदान कर रही है।
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