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November 14, 2025 5:41 am

उप पुलिस अधीक्षक के विरूद्ध जारी वसूली आदेश को हाई कोर्ट ने किया निरस्त

बिलासपुर. हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच द्वारा पारित न्याय दृष्टांतों के आधार पर याचिकाकर्ता के विरूद्ध जारी वसूली आदेश को निरस्त कर पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक बिलासपुर को याचिकाकर्ता से वसूल की गई सम्पूर्ण राशि उनके बैंक खाते में वापस जमा करने का निर्देश दिया है.

आसमां कॉलोनी, बिलासपुर निवासी डीएसपी एस.एस.टेकाम कार्यालय पुलिस महानिरीक्षक विलासपुर में पदस्थ थी। पदस्थापना के दौरान पुलिस अधीक्षक बिलासपुर ने डीएसपी एस.एस.टेकाम के विरूद्ध वसूली आदेश इस आधार पर जारी किया गया कि उनकी सेवाकाल के दौरान वेतन नियतन में त्रुटि के कारण अधिक वेतन भुगतान कर दिया गया है. वसूली आदेश के आधार पर उनके वेतन से कटौती प्रारम्भ कर दी गई।

आदेश को चुनौती देते हुए डीएसपी टेकाम ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं वर्षा शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की. मामले की सुनवाई जस्टिस एके प्रसाद के सिंगल बेंच में हुई. याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए
अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने कहा कि याचिकाकर्ता को अधिक वेतन भुगतान वसूली आदेश पांच साल पहले का है, याचिकाकर्ता डी.एस.पी. को वसूली आदेश सेवानिवृत्ति दिनांक से छह माह पूर्व जारी किया गया था जो कि पूर्णतः नियमविरूद्ध है एवं निरस्त किये जाने योग्य है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टेट ऑफ पंजाब एवं अन्य विरूद्ध रफीक मसीह (व्हाईट वासर), थॉमस डेनियल विरूद्ध स्टेट ऑफ केरला, भगवान शुक्ला विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य में पारित न्याय दृष्टांत के अलावा हाईकोर्ट बिलासपुर की डिवीजन बेंच द्वारा स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़ एवं अन्य विरूद्ध लाभाराम ध्रुव में पारित न्यायदृष्टांत का हवाला दिया,जिनमें यह सिद्धांत प्रतिपादित किया गया था कि किसी भी शासकीय अधिकारी,कर्मचारी के सेवा निवृत्त होने के एक वर्ष पूर्व उन्हें अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर उनके वेतन से वसूली नहीं की जा सकती है. यदि अधिक वेतन भुगतान वसूली आदेश जारी किये जाने के पांच वर्ष पूर्व का है ऐसी स्थिति में भी अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर शासकीय अधिकारी, कर्मचारी के वेतन से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती है।

रिट याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच द्वारा पारित न्याय दृष्टांतों के आधार पर याचिकाकर्ता के विरूद्ध जारी वसूली आदेश को निरस्त कर पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक बिलासपुर को याचिकाकर्ता से वसूल की गई सम्पूर्ण राशि उनके बैंक खाते में वापस जमा करने का निर्देश दिया है.

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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