दुर्ग। खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर महिला के पिता से वीडियो कॉल पर मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर 54 लाख 90 हजार रुपये की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है। इस हाईप्रोफाइल सायबर ठगी के मामले में नेवई पुलिस ने पहले लखनऊ से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहीं अब मामले में शामिल दो और आरोपियों को महाराष्ट्र के ठाणे जिले से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
प्रगति नगर रिसाली निवासी नम्रता चंद्राकर ने थाना नेवई में शिकायत दर्ज कराई थी कि 29 अप्रैल 2025 को तीन अलग-अलग नंबरों से उन्हें कॉल आया। कॉल करने वाले खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए उनके पिता को वीडियो कॉल कर धमकाने लगे। उन्होंने कहा कि उनके नाम पर मौजूद केनरा बैंक का एक खाता नरेश गोयल को बेचा गया है, जिसमें दो करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग हुआ है। आरोपियों ने गिरफ्तारी का डर दिखाकर परिवार के सभी सदस्यों की संपत्ति की जानकारी ली और फिर 29 अप्रैल से 29 मई के बीच अलग-अलग किस्तों में कुल 54.90 लाख रुपये कई खातों में जमा करवा लिए।
दुर्ग पुलिस की टीम ने तकनीकी जांच के आधार पर लखनऊ से दीपक गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा, कृष्ण कुमार और शुभम श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था। वहीं, जांच को आगे बढ़ाते हुए साइबर सेल की मदद से पता चला कि ठगी की रकम में से चार लाख रुपये आईसीआईसीआई बैंक की मानपाड़ा ठाणे, महाराष्ट्र शाखा के एक खाते में गए थे। यह खाता चंदन बालकरण सरोज के नाम पर था। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने रूषिकेश जोशी को कमीशन के लालच में अपना खाता इस्तेमाल करने दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल और आधार कार्ड बरामद कर लिए हैं। इस कार्रवाई में निरीक्षक आनंद शुक्ला, उपनिरीक्षक सुरेन्द्र तारम, साइबर सेल के नरेंद्र सिंह, आरक्षक जुगनू समेत पूरी टीम का सराहनीय योगदान रहा।

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