दुर्ग भिलाई। नेवई क्षेत्र में डिजिटल एस्टेट टैक्स के नाम पर 54.90 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने लखनऊ उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर पीड़िता के पिता से संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी हासिल कर उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी देते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन और आधार कार्ड भी जब्त कर लिया है।
नेवई थाना प्रभारी निरीक्षक आनंद शुक्ला ने बताया कि प्रगति नगर रिसाली निवासी नम्रता चंद्राकर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 29 अप्रैल को अज्ञात लोगों ने उनके पिता को वीडियो कॉल किया। कॉल करने वाले खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर बोले कि उनके नाम से केनरा बैंक में जो खाता है, वह नरेश गोयल को बेचा गया है, जिसमें दो करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। इस डर से पीड़िता और उसके परिजनों से आरोपी अलग-अलग बैंक खातों में 29 अप्रैल से 29 मई के बीच किस्तों में कुल 54.90 लाख रुपये ठग लिए।
नेवई थाने में आरोपियों के खिलाफ बीएनएस 318(4) और 67(डी) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। तकनीकी साक्ष्य और बैंक खातों की जानकारी के आधार पर जांच करते हुए पुलिस की टीम लखनऊ पहुंची, जहां से दीपक गुप्ता (19), राजेश विश्वकर्मा उर्फ राजू पेंटर (36), कृष्ण उर्फ कृष (19) और शुभम श्रीवास्तव (25) को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि शुभम ने राजेश के यूनियन बैंक खाते का उपयोग फ्रॉड की रकम के लिए किया। 29 मई को खाते में आए नौ लाख में से 36 हजार रुपये कमीशन के तौर पर दीपक, कृष्ण और राजेश को बांटे गए, जबकि बाकी रकम शुभम और उसके अन्य साथियों लाईक, राज, फबैलो और उज्जवल ने अपने-अपने हिस्से में बांट ली।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से रिमांड प्राप्त कर आगे की जांच शुरू कर दी है। इस कार्रवाई में सायबर टीम के साथ एसआई सुरेंद्र तारम, एएसआई रामचंद्र कंवर, प्रधान आरक्षक सूरज पांडेय व आरक्षक रवि बिसाई की अहम भूमिका रही।

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