तलाशी अभियान के दौरान एक AK-47 राइफल के साथ-साथ भारी मात्रा में अन्य विस्फोटक सामग्री, हथियार और गोलाबारूद भी बरामद किए गए।
21 मई 2025 को भाकपा (माओवादी) के महासचिव बसवराजू की मुठभेड़ में मौत के बाद, यह देशभर में प्रतिबंधित और अवैध माओवादी संगठन के लिए एक और बड़ा झटका है।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में सुरक्षा बलों को वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है। विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर DRG, STF और CoBRA की संयुक्त टीम ने 5 जून को लक्षित सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसके दौरान कुख्यात माओवादी नेता और केंद्रीय समिति सदस्य (CCM) गौतम उर्फ सुधाकर मुठभेड़ में मारा गया।
मृत माओवादी की पहचान नरसिम्हा चालम के रूप में हुई है, जो गौतम, सुधाकर, आनंद, चंटी बालकृष्ण, रामाराजू, अरविंद और सोमन्ना जैसे कई नामों से सक्रिय था। वह माओवादी संगठन की RePOS (Revolutionary Political School) का प्रभारी भी था, जो युवाओं को उग्रवाद की ओर प्रेरित करने के लिए वैचारिक प्रशिक्षण देता था।
माओवादी संगठन को गहरा झटका
गौतम माओवादी संगठन की केंद्रीय रणनीति और वैचारिक प्रचार-प्रसार का प्रमुख चेहरा था। उसकी मृत्यु माओवादी संगठन के लिए रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक दोनों स्तरों पर गहरा आघात है। अधिकारियों के अनुसार, यह संगठन की कमजोर पड़ती ताकत की स्पष्ट पुष्टि है।
आंकड़ों में सफलता
वर्ष 2024-2025 के दौरान अब तक बस्तर रेंज में माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ों में 403 माओवादी कैडरों के शव बरामद किए जा चुके हैं।
तलाश अभियान अभी भी जारी
मुठभेड़ स्थल से भागे अन्य माओवादी कैडरों की तलाश के लिए सुरक्षा बलों का सघन तलाशी अभियान अब भी जारी है। अधिकारियों ने कहा कि विस्तृत जानकारी अभियान की समाप्ति और पुष्टि के बाद साझा की जाएगी।
पुलिस प्रशासन ने क्षेत्र में शांति और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और शेष माओवादी कैडरों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की है।

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