बिलासपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) के सदस्य संत कुमार नेताम की पैतृक जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचने का मामला सामने आया है। इस संबंध में नेताम ने सकरी थाना में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने कूटरचना और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

संत कुमार नेताम उसलापुर में रहते हैं और ग्राम अमेरी में उनकी दो एकड़ पैतृक जमीन है, जिसमें उनके परिजन भी हिस्सेदार हैं। उनके अनुसार, 2021 तक राजस्व दस्तावेजों में यह जमीन उनके और परिवार के सदस्यों के नाम दर्ज थी, और इस पर उनका कब्जा भी था।
हालांकि, आरोप है कि उसलापुर के हीरालाल नेताम, सियाराम नेताम, हीरा बाई और मीना बाई ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन का नामांतरण करा लिया और फिर उसमें से 1.63 एकड़ भूमि को बेच दिया। जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी संत कुमार नेताम को हुई, तो उन्होंने जुलाई में आम सूचना प्रकाशित कर बचे हुए हिस्से की बिक्री और नामांतरण पर रोक लगाने की मांग की। शिकायत के आधार पर पुलिस ने दस्तावेजों की जांच के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), 420 (धोखाधड़ी), 467 (कूटरचित दस्तावेज तैयार करना), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी) और 471 (फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब आरोपियों की तलाश कर रही है।
राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर संदेह
पीएससी सदस्य संत कुमार नेताम ने संदेह जताया है कि इस फर्जीवाड़े में राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है। उन्होंने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से तो यह नामांतरण नहीं हुआ।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन