बिलासपुर।कोयला गुणवत्ता सुधार के सतत प्रयासों के चलते साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) को 53 करोड़ रुपये का सीधा वित्तीय लाभ हुआ है। अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच कंपनी ने कोल ग्रेड कन्फर्मेशन में 20% की वृद्धि दर्ज की, जिससे न केवल कंपनी की विश्वसनीयता बढ़ी बल्कि उपभोक्ताओं का भी भरोसा मजबूत हुआ।

गुणवत्ता सुधार में विजिलेन्स और क्वालिटी कंट्रोल विभाग की अहम भूमिका
एसईसीएल की विजिलेन्स टीम ने क्वालिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट और फील्ड ऑफिसर्स के सहयोग से कोयले की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रभावी कदम उठाए। अक्टूबर 2024 में हुए 4855 सैंपल परीक्षणों में कोयले का ग्रेड कन्फर्मेशन 65% था, जिसे बेहतर बनाने के लिए कोयला भंडारण, डिस्पैच प्रक्रिया और सैंपलिंग प्रणाली को सुदृढ़ किया गया।
इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, जनवरी 2025 में एसईसीएल की लैब टेस्टिंग में कोल ग्रेड कन्फर्मेशन बढ़कर 83% हो गया, जो पिछले पाँच वर्षों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
मेगाप्रोजेक्ट्स को बड़ा फायदा

एसईसीएल के प्रमुख परियोजनाओं—गेवरा, दीपका और कुसमुंडा—में कोयला गुणवत्ता सुधार से 17 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ हुआ। विशेष रूप से दीपका और कुसमुंडा की ग्रेड कन्फर्मेशन दर अक्टूबर 2024 में क्रमशः 38.74% और 72.47% थी, जो जनवरी 2025 में बढ़कर 90% से अधिक हो गई।
एसईसीएल की विश्वसनीयता में वृद्धि

गुणवत्ता में सुधार से न केवल कंपनी को वित्तीय लाभ हुआ है, बल्कि उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाला कोयला भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे बिजली कंपनियों और अन्य औद्योगिक उपभोक्ताओं का एसईसीएल पर भरोसा बढ़ा है।
एसईसीएल अपने सतत प्रयासों से कोयला गुणवत्ता प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे कंपनी की समग्र कार्यक्षमता में सुधार होता रहे और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को अधिक कुशलता से पूरा किया जा सके।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief