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March 15, 2025 11:57 am

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नैनपुर नैरोगेज म्यूजियम: भारतीय रेलवे की ऐतिहासिक विरासत का अनूठा केंद्र

बिलासपुर।भारतीय रेलवे की समृद्ध धरोहर को संरक्षित करने और नई पीढ़ी को इससे जोड़ने के उद्देश्य से स्थापित नैरोगेज म्यूजियम, नैनपुर रेलवे इतिहास प्रेमियों, शोधकर्ताओं और आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण बन चुका है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर मंडल में स्थित यह म्यूजियम देश की सबसे लंबी नैरोगेज रेल प्रणाली सतपुड़ा रेलवे के गौरवशाली अतीत को संजोए हुए है।

सतपुड़ा रेलवे: नैरोगेज प्रणाली का स्वर्णिम इतिहास

1902 में प्रारंभ हुई सतपुड़ा रेलवे नैरोगेज रेल प्रणाली का अभिन्न अंग रही है, जिसकी तीन प्रमुख रेल लाइनें थीं—

1. जबलपुर-गोंदिया (वाया नैनपुर)

2. नागपुर-छिंदवाड़ा

3. गोंदिया-चांदा फोर्ट

1903 में गोंदिया से नैनपुर तक रेल सेवा शुरू हुई और 1905 में जबलपुर तक विस्तार किया गया।

यह रेल प्रणाली सतपुड़ा एक्सप्रेस जैसी ऐतिहासिक ट्रेनों के संचालन के लिए प्रसिद्ध रही, जिसमें एसी डिब्बे भी लगाए जाते थे।

म्यूजियम की प्रमुख विशेषताएँ

2017 में स्थापित नैरोगेज म्यूजियम, नैनपुर में पुराने रेल इंजन, रोलिंग स्टॉक, दुर्लभ तस्वीरें, ऐतिहासिक दस्तावेज, मॉडल ट्रेनों की प्रतिकृतियाँ और सतपुड़ा रेलवे से जुड़ी अन्य ऐतिहासिक धरोहरों को प्रदर्शित किया गया है। संग्रहालय का मुख्य आकर्षण 1954 में निर्मित ज़ेडई क्लास स्टीम लोकोमोटिव है।

म्यूजियम दो मंजिला इमारत में विभाजित है—

• ग्राउंड फ्लोर: नैरोगेज इंजन, स्टेशन मॉडल, स्टीम लोकोमोटिव का वर्किंग मॉडल, ऐतिहासिक दस्तावेज, मशीन गैलरी और एक ऑडिटोरियम।

• प्रथम तल: डीज़लीकरण मॉडल, रेलवे वर्कशॉप मॉडल, ऐतिहासिक चित्र और मोबाइल लाइब्रेरी वैन।

संग्रहालय के बाहरी परिसर में 530 मीटर लंबी नैरोगेज टूरिस्ट ट्रेन, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, एसी रेस्टोरेंट कार, हेरिटेज रोलिंग स्टॉक्स, व्हील लेथ मशीन और रेलवे स्टाफ के मैनीक्विन्स प्रदर्शित हैं। साथ ही, दो हेरिटेज बंगले भी हैं, जिनमें रेलवे सिग्नल, संचार प्रणाली, डीजल लोको, कोचिंग और इंजीनियरिंग संबंधित वस्तुएँ प्रदर्शित की गई हैं।

रेलवे की ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने का प्रयास

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक श्री तरुण प्रकाश ने इस संग्रहालय के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा

“नैरोगेज म्यूजियम नैनपुर भारतीय रेलवे की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह संग्रहालय न केवल बीते समय की यादों को जीवंत रखता है, बल्कि नई पीढ़ी को रेलवे के गौरवशाली इतिहास से भी परिचित कराता है।”

रेलवे प्रेमियों और इतिहासकारों के लिए सुनहरा अवसर

हालाँकि सतपुड़ा रेल प्रणाली का संचालन अब बंद हो चुका है, लेकिन इस ऐतिहासिक विरासत को संग्रहालय के रूप में संरक्षित रखना रेलवे की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने रेलवे प्रेमियों, इतिहासकारों और स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे इस अनूठे संग्रहालय का भ्रमण करें और भारतीय रेलवे की इस अमूल्य धरोहर से रूबरू हों।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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