छतीसगढ़ ।महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर सियासी हलचल देखने को मिली जहाँ महाराष्ट्र में छत्रप नेता शरद पवार ने पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का सम्मान कर राजनीति में नया अध्याय जोड़ दिया वही शरद पवार ने कहा कि इसे राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिये जो अच्छा काम कर रहा है उसे उसका सम्मान मिलना चाहिये ।

एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में अच्छा काम किया है ।शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।यह सम्मान शरद पवार ने दिया है ।इसलिए ए चर्चा का हिस्सा बन गया ।चर्चा इसलिए हुई क्योंकि शरद पवार ने सम्मानित किया ।इस पर अन्य दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया भी आई उद्धव ठाकरे गुट के संजय राउत ने कड़ा रुख़ अपनाते हुए कहा कि शरद पवार ने उस नेता का सम्मान किया जिसने शिवसेना के विभाजन की साज़िश रची उन्होंने कहा राजनीति में ऐसी बातो से बचना चाहिए ।ऐसे सम्मान से महाराष्ट्र के लोगों की मराठी भावनाएं आहत हुई है ।यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत ने इसे महाराष्ट्र के गौरव के लिए अच्छा नहीं बताया ।उन्होंने कहा शरद पवार ऐसे लोगो को सम्मानित कर रहे है जिन्होंने सरकार गिराई और महाराष्ट्र की जनता के साथ विश्वासघात किया है ।गौरतलब हो कि 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में एक नाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। और शरद पवार ने स्वयं यह पुरस्कार दिया। श्री पवार ने ठाणे, नवी मुंबई और मुंबई में उनके अहम योगदान के लिए एकनाथ शिंदे की तारीफ की। श्री पवार ने कहा, ‘ठाणे, नवी मुंबई और मुंबई को अपने राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए मजबूत और सुसंगत नेतृत्व की जरूरत है। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सावलाराम पाटिल और रंगनेकर जैसे नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और एकनाथ शिंदे ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।अब ए बात जग ज़ाहिर है कि सवाल तो उठेगे ही लेकिन शरद पवार वो नेता हैं जो अपने ही कार्यकर्ताओं के बीच अपनी बात रखते हैं और उन्ही से राय लेते हैं और फिर उसी लाइन पर चलते हुए पार्टी के भीतर निर्णय लेते हैं ।अब सम्मान पर चर्चा की बाते तो होगी ही लेकिन ये भी सच है कि ए तो वही जानते हैं कि आगे क्या करना हैं ।ए उनकी राजनीति का एक हिस्सा भी हो सकता है और एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया उसका कहीं ना कही मलाल तो है ।अब आगे क्या होगा ये तो वक़्त ही बतायेगा फ़िलहाल तो अभी ए चर्चा का विषय बन गया है ।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief