बिलासपुर। सीनियर अफसर को जूनियर रैंक में तबादला करने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई जस्टिस एके प्रसाद के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता ने बताया कि वह एए श्रेणी की अफसर है। उनका तबदला महासमुंद नगरपालिका में सीएमओ के पद पर कर दिया है। नगरपालिका महासमुंद सीएमओ का पद उससे जूनियर रैंक के अफसर की है। राज्य शासन ने अपने ही शर्तों का उल्लंघन कर दिया है। मामले की सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने राज्य शासन द्वारा जारी तबादला आदेश पर राेक लगा दिया है।
नगरीय प्रशासन विभाग में ग्रेड एए अधिकारी कृष्णा खटिक ने अधिवक्ता संदीप दुबे के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर राज्य शासन द्वारा ग्रेड डिमोट कर किए गए तबादला आदेश को चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई जस्टिस एके प्रसाद के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता को नगर पालिका परिषद, महासमुंद में मुख्य नगरपालिका अधिकारी CMO के पद पर स्थानांतरित किया गया है। याचिकाकर्ता का ग्रेड एए है। महासमुंद नगरपालिका ग्रेड ए रैंक के अफसर के लिए है। मसलन ग्रेड ए रैंक के अफसर को सीएमओ के पद पर पदस्थापना दी जा सकती है या फिर इसी रैंक के अफसर को एक से दूसरे निकाय में स्थानांतरण किया जा सकता है। अधिवक्ता दुबे ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की रैंकिंग ग्रेड एए है। राज्य शासन ने ग्रेड ए में डिमोट करते हुए महासमुंद नगर पालिका सीएमओ के पद पर स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया है।
राज्य शासन का यह आदेश छत्तीसगढ़ राज्य नगर पालिका (कार्यपालिक/इंजीनियरिंग/स्वास्थ्य) सेवा, भर्ती और सेवा की शर्तें नियम, 2017 के विरुद्ध है। अधिवक्ता दुबे ने कहा कि ग्रेड एए रैंक वाले अफसरों को उन्हीं निकायों में स्थानांतरित किया जा सकता है, उनके रैंक व ग्रेड के अनुरुप पद हो। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन द्वारा जारी तबादला आदेश पर रोक लगा दिया है।
प्रदेश में ग्रेड एए रैंक के हैं चार अफसर
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में इस बात की भी जानकारी दी है कि प्रदेश में एए ग्रेड के चार सीएमओ हैं। इनमें लोकेश्वर साहू प्रभारी सयुंक्त संचालाक,सुदेश सुंदरानी भी सयुंक्त संचालक,राजेंद्र दोहरे डिप्टी सीईओ सूडा हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि वर्तमान में वह डिप्टी कमिश्नर निगम रायपुर के पद पर काबिज है।
याचिकाकर्ता ने ये भी दी जानकारी
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश में जूनियर ए श्रेणी के 18 सीएमओ ऊंचे पद पर कार्यरत हैं। राज्य सरकार चाहे तो इनमें से किसी भी एक को महासमुंद नगरपालिका सीएमओ के पद पर तबादला किया जा सकता है। इनमें से किसी अफसर को ना भेजकर एए श्रेणी के सीनियर अफसर को महासमुंद सीएमओ बनाकर भेजा जा रहा है जो राज्य शासन द्वारा तय सेवा शर्तों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य शासन के अफसर अपने ही बनाए नियमों और शर्तों को नहीं मान रहे हैं और सीधेतौर पर उल्लंघन कर रहे हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस एके प्रसाद के सिंगल बेंच में हुई। याचिका की सुनवाई के बाद जस्टिस प्रसाद ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए राज्य शासन द्वारा जारी तबादला आदेश पर रोक लगा दिया है।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief