बिलासपुर ,सकरी नवीन शासकीय महाविद्यालय सकरी के कला,वाणिज्य,विज्ञान समूह के प्रथम वर्ष से लेकर तृतीय वर्ष के छात्र/छात्राओं ने स्वमेव हिंदी भाषा के प्रति अपनी जवाबदेही मानते हुवे हिंदी के विकास के लिए”हिंदी दिवस “का आयोजन किया,इस कार्य को प्राचार्य डॉ प्रवीण कुमार पांडेय ने हिंदी विभाग और दिवस आयोजन समिति को सहयोग करने हेतु निर्देशित किया।
कार्यक्रम की शुरुवात में वाणी की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा पर पूजा अर्चना,वंदना के साथ ही प्रथम वर्ष के सभी छात्र/छात्राओं का परंपरा अनुसार वरिष्ठ छात्र/छात्राओं ने रोली,चंदन से टीका लगाकर स्वागत किया,इस कड़ी में गुरुवों का सम्मान हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में श्री फल एवं फूल भेंटकर,चंदन लगाकर किया गया।पूजा अर्चना पर,माया पांडे ,मुस्कान यादव,लक्ष्मी निर्मलकर ने “हे शारदे मां ,अज्ञानता से हमें तार दे मां “का गान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य एवं बिलासपुर संभाग के उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ प्रवीण कुमार पाण्डेय ने कहा ” संपूर्ण भारत के कई संस्थानों में आज हिंदी दिवस मनाई जा रही होगी,हिंदी के प्रति समर्पण एवम छात्र/छात्राओं की इतनी तादात में उपस्तिथि देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है सकरी कॉलेज बिलासपुर का मॉडल कॉलेज का रूप लेगा,यहां विविध विषयों में महाविद्यालय भवन बनने के बाद स्नातकोत्तर की कक्षाएं भी खुलेंगी,प्रयास यही होगा। हिंदी हमारी मातृ भाषा है,हिंदी भारतीय संस्कृति का संवाहक बने.. हम हिंदी को अपने जीवन में ,व्यवहार में उतारें,माता – पिता ,गुरु और अपने से बड़ों को संबोधन में गुड मॉर्निंग के जगह “प्रणाम”कहें,आज से ही हम हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में यह संकल्प और प्रेरणा ले, हम देखेंगे कि कुछ ही दिन में इस महाविद्यालय में संस्कारित शिक्षा का अभ्युदय होने लगेगा,एक स्वच्छ सुंदर वातावरण निर्मित होगा,इस ओर हिंदी के विद्वान प्रोफेसर डॉ महंत का योगदान सराहनीय है।आज हम हिंदी के स्थान पर अंग्रेजी के कुछ शब्द मात्र को बोलकर गौरवान्वित होते हैं यह कैसी भारतीयता है,इस पर सभी विचार करें।
हिंदी दिवस पर हिंदी के प्राध्यापक डॉ फूल दास महंत ने हिंदी दिवस,हिंदी के अंतरराष्ट्रीय दिवस की जानकारी देते हुवे “अक्षर को ब्रह्म की संज्ञा दी और प्रत्येक जन की आत्मा से निकली सदभावना,प्रेम को को राष्ट्रीयता, विश्व बंधुता की हितैषी निरूपित करते हुवे उसे हिंदी के प्रति मानवीयता का बड़ा उदाहरण बताया,वहीं उन्होंने विज्ञान तकनीकी,कंप्यूटर,मीडिया ,मोबाइल में हिंदी के प्रयोग की भी सराहना की , पर मानवीय भावना को इन सबसे बड़ा कहा”। कार्यक्रम को डॉ विद्याचरण शुक्ल , डॉ श वेता जायसवाल , सौमित्र शर्मा,आदि ने संबोधित किया एवम एक मत से सभी हिंदी दिवस पर अभिवादन के लिए गुड मॉर्निंग के स्थान पर प्रणाम,चरण स्पर्श,नमस्कार कहने का संकल्प लिया,सभी छात्र/छात्राओं ने इसका समर्थन किया।
हिंदी दिवस पर एक विशेष बात हुई
जब “हिंदी दिवस पर हिंदी को राष्ट्र गगन के मस्तक पर सदियों से अंकित बिंदी हूं ,सबकी जानी पहचानी भारत की भाषा हिंदी कहा गया,और भारत की जितनी भाषा हैं, उन्हें मुंह बोली बहन की संज्ञा दी गई,और डॉ महंत, छात्राएं माया पाण्डेय,मुस्कान यादव,लक्ष्मी निर्मलकर ने जब हिंदी गीत के अंतिम पंक्ति में जय हिंद जय हिंदी का गान किया तभी सभी लोग अपने स्थान पर स्वमेव खड़े होकर सस्वर जय हिंद जय हिंदी कहकर हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में अपने हाथ को सलामी की मुद्रा में वंदन करने लगे।
कार्यक्रम के आयोजन में विशेष भूमिका ,संध्या साहू,दुर्गेश निर्मलकर,मनीषा, टुकेश साहू, माया पाण्डेय, मनीष तिवारी, देवप्रकाश,विशाल सूर्यवंशी,प्रिया साहू,रंगोली में संध्या साहु,शिवानी निर्मलकर, रोशनी निर्मलकर,स्वागत गान,मंजू वर्मा,स्नेहा यादव,पूजा निर्मलकर,प्रियंका निर्मलकर,प्रीति गिलहरे,सुमन यादव, अमीषा सूर्यवंशी,रश्मि श्रीवास , श्रद्धा साहु, मिर्झा आदि का रहा।
महाविद्यालय के समस्त सहायक प्राध्यापक , स्टॉफ, एवं छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त किया गया,संचालन बी ए अंतिम वर्ष की छात्रा सु श्री संध्या साहु ने की।
महाविद्यालय के प्राचार्य और बी ए ।।। के छात्र छात्राओं ने हिंदी के प्राध्यापक डॉ फूल दास महंत को हिंदी सेवा के लिए विशेष सम्मानित किया।