बिलासपुर। पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा हैँ कि *26 मई 2014 से देश में अघोषित आपातकाल लागू है, जिसे ‘लोकतंत्र हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाना चाहिए। नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की तानाशाही चरम पर है। दोनों ने भाजपा संगठन में और केंद्रीय मंत्रिमंडल में इतना डर और भय का माहौल पैदा कर दिया हैँ कि उ नके खिलाफ किसी भी भाजपा नेता की मुंह खोलने की हिम्मत नहीं हैँ और सारे भाजपा नेता अंदर ही अंदर छटपटा रहे हैँ इसका देश की जनता इसका जवाब जरूर देगी. केंद्र की मोदी-शाह सरकार ने घोषणा की है कि वह 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाएगी, लेकिन क्या उन्होंने देश की जनता से इसके बारे में पूछा है या यह सिर्फ बीजेपी का एक और राजनीतिक स्टंट है? जिस दिन 26 मई को मोदी प्रधानमंत्री बने, उस दिन को ‘लोकतंत्र हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाना चाहिए क्योंकि तभी से देश में अघोषित आपातकाल लागू हो गया था। भाजपा नेताओं और मोदी सरकार ने देश के पूर्वजों को गाली देना और कोसना अपनी आदत बना ली है, जो भयानक है। देश की जनता पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और भय से परेशान है और अब इस तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेगी. संविधान और लोकतंत्र को समाप्त करने की कुत्सित नियत रखने वाले मोदी-शाह से देश की जनता और असंख्य भाजपा नेता छुटकारा पाना चाहते हैँ.

Author: Ravi Shukla
Editor in chief