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July 10, 2025 7:51 pm

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विनायक प्लाजा भले ही रेरा से एप्रूव मगर निर्माण को लेकर शिकायतों का नहीं हो रहा निराकरण और न ही कार्रवाई

बिलासपुर।उसलापुर में प्राकृतिक नाला “गोकने “के ठीक ऊपर निर्मित विनायक प्लाजा व्यवसायिक काम्पलेक्स को लेकर शुरु से ही शिकायतों का दौर चल रहा हैं. शिकायतों पर इसलिए भी दम हैं क्योंकि गोकने नाला एक प्राकृतिक नाला हैं और भू राजस्व के नियमों के मुताबिक नाले से 15 मीटर दुरी तक कोई भी जमीन का डायवर्सन नहीं किया जा सकता इसके बाद भी करीब आधा एकड़ क्षेत्र में “विनायक प्लाजा “व्यावसायिक काम्पलेक्स ने आकार ले लिया.

इसी बीच शिकायतों का दौर चलता रहा. जानकारी के मुताबिक विनायक प्लाजा के निर्माण को लेकर तीन शिकायतों पर राजस्व विभाग और नगर निगम द्वारा 3 बार निर्माणाधीन विनायक प्लाजा के जमीन का सीमांकन किया गया और पता नहीं कैसे तीनो बार क्लीन चिट दें दिया गया। क्लीन चिट मिलते ही विनायक प्लाजा के संचालक ने बिना वक्त गवाए अपने काम्पलेक्स का “रेरा “में अप्रूव्ह करवा लिया. कोराना काल से पहले वर्ष 2018,19में शुरू किये विनायक प्लाजा के निर्माण को शिकायतों के बाद भी गति मिलती रही.

इसी बीच तखतपुर से कुछ ही दिनों के लिए तबादला होकर बिलासपुर आये तत्कालीन एस डी एम ने हिम्मत करते हुए विनायक प्लाजा के नामांतरण पर रोक लगा दिया.

इस स्टे के खिलाफ विनायक प्लाजा के कर्ता धर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए कहा कि जो प्रोजेक्ट रेरा के अधीन और अप्रूव हैं उसके खिलाफ रेरा में ही शिकायत की जा सकती हैं अन्य कोर्ट में नहीं क्योंकि रेरा अपने आप में कोर्ट भी हैं. हाईकोर्ट ने अपील को स्वीकार करते हुए एस डी एम द्वारा दिए गए स्टे आर्डर को तकनीकी आधार पर रोक लगाते हुए कहा कि शिकायत कर्ता चाहे तो रेरा में शिकायत कर सकते हैं.यह उल्लेखनीय हैं कि तखतपुर, बिलासपुर में सबसे ज्यादा विवादित प्रोजेक्ट के रूप में विनायक प्लाजा को ही माना जाता हैं वह इसलिए भी क़ि प्राकृतिक नाला गोकने के ऊपर निर्माण के कारण ही ज्यादा आपत्ति हैं. इस गंभीर आपत्ति पर राजस्व और नगर निगम के आला अफसर शुरू से मौन रहे हैं और भूमिका भी संदिग्ध रही हैं. अफसरों ने कभी भी स्पष्ट नहीं किया कि प्राकृतिक नाले से सट कर कोई भी निर्माण कार्य किया जाना अवैधानिक हैं या वैध हैं. यदि वैध हैं तो अत्यधिक बारिश में नाले में बाढ़ का सैलाब आएगा तो आसपास के जमीन का क्षरण रोकने और बाढ़ का पानी सीधा मोहल्ले में घुसने की स्थिति पर क्या किया जायेगा इस गंभीर मुद्दे पर भी अधिकारी मौन हैं. नाले के एक तरफ जिस तरह विनायक प्लाजा का निर्माण हुआ हैं उससे भारी बर्षा की स्थिति में नाले में आने वाली बाढ़ का पानी तेजी से मोहल्ले में घुसने के अलावा और कोई विकल्प नहीं हैं.

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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