पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किया गया प्रशिक्षित
फिंगरप्रिंट व फोटोग्राफी एक्सपर्ट द्वारा दिया गया व्यावहारिक प्रशिक्षण
महात्मा गांधी कला मंदिर, सिविक सेंटर, सेक्टर-6, भिलाई में हुआ आयोजन
छत्तीसगढ़ ।सीन ऑफ क्राइम में फिंगरप्रिंट और फोटोग्राफी के महत्व को रेखांकित करते हुए दुर्ग पुलिस द्वारा महात्मा गांधी कला मंदिर सिविक सेंटर, सेक्टर-6 भिलाई में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ एसएसपी दुर्ग आईपीएस विजय अग्रवाल ने कहा कि घटनास्थल कभी झूठ नहीं बोलता। वहां मौजूद साक्ष्यों को वैज्ञानिक ढंग से संकलित करना और प्रस्तुत करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। फोटोग्राफी के माध्यम से साक्ष्य को प्रभावशाली रूप में पेश किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि हर थाने में फिंगरप्रिंट किट उपलब्ध है तथा प्रत्येक थाने से कम से कम 3-4 कर्मचारी इस कार्य में दक्ष होने चाहिए।

प्रशिक्षण सत्र का संचालन फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट श्री राकेश नरवरे रायपुर दुर्ग संभाग द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि क्राइम सीन को कैसे संरक्षित किया जाता है, साक्ष्य की पहचान कैसे की जाती है और किस प्रकार उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया जा सकता है इन सभी पहलुओं पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिंगरप्रिंट मुख्यत तीन प्रकार के होते हैं विज़िबल फिंगरप्रिंट (रंगीन) इनविज़िबल फिंगरप्रिंट (जो नग्न आंखों से नहीं दिखते, लेकिन विशेष उपकरणों से देखे जा सकते हैं मोल्डेड फिंगरप्रिंट (प्लास्टिक या अन्य सांचे जैसी सतह पर उभरे हुए प्रिंट फोटोग्राफी संबंधी प्रशिक्षण पुलिस मुख्यालय से आए फोटोग्राफर मोहम्मद वसीम द्वारा प्रदान किया गया।कार्यक्रम में एएसपी ग्रामीण अभिषेक झा सीएसपी भिलाई डीएसपी लाइन चंद्र प्रकाश तिवारी, आर आई नीलकंठ वर्मा सहित पुलिस विभाग के अनेक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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