बिलासपुर। हाई कोर्ट ने आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय, करगीकला में पदस्थ व्याख्याता (भौतिकी) मंजू श्री बर्मन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला कलेक्टर को उनके लंबित प्रतिवेदन पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। याचिका पर सुनवाई जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की एकलपीठ में हुई। याचिका में मंजू श्री बर्मन ने उल्लेख किया कि उन्होंने दिनांक 03 जून 2025 को कलेक्टर बिलासपुर को एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें उन्होंने आत्मानंद विद्यालय में कार्य करने में असहमति जताई थी और युक्तियुक्तिकरण के तहत उन्हें अतिशेष सूची में शामिल नहीं किए जाने को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट से निवेदन किया कि कोर्ट केवल इस सीमा तक आदेश दे कि उनके प्रतिवेदन का यथाशीघ्र निराकरण किया जाए। राज्य की ओर से प्रस्तुत सरकारी अधिवक्ता अजीत सिंह ने भी इस सीमित प्रार्थना का विरोध नहीं किया और कहा कि यदि प्रतिवादी कलेक्टर को ऐसा निर्देश दिया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
इस पर न्यायालय ने याचिका का निपटारा करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता द्वारा दिनांक 03 जून 2025 को प्रस्तुत प्रतिवेदन पर कलेक्टर बिलासपुर इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तिथि से चार सप्ताह के भीतर उचित निर्णय लें। साथ ही, याचिकाकर्ता को यह निर्देश दिया गया कि वह एक सप्ताह के भीतर आदेश की प्रति और प्रतिवेदन की प्रति संबंधित प्रतिवादी (कलेक्टर) को प्रस्तुत करें।

प्रधान संपादक