भिलाई, 22 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बिहार और छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपराएं और पारिवारिक मूल्य एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। यह केवल भूगोल तक सीमित नहीं है, बल्कि दोनों राज्यों के बीच एक भावनात्मक और सांस्कृतिक रिश्ता भी है। मुख्यमंत्री भिलाई में आयोजित “बिहार-तिहार स्नेह मिलन” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जो बिहार स्थापना दिवस के अवसर पर “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” अभियान के तहत आयोजित किया गया था।





मुख्यमंत्री ने कहा बिहार और छत्तीसगढ़: रोटी-बेटी का रिश्ता



मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनकी माता जी का संबंध अविभाजित बिहार से था और झारखंड से उनका गहरा नाता रहा है। उन्होंने कहा कि यह रिश्ता अब केवल कहावत नहीं, बल्कि सामाजिक हकीकत बन चुका है।


उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि छठ पूजा अब छत्तीसगढ़ में भी पूरे उत्साह और भक्ति भाव के साथ मनाई जाती है। राज्य के विभिन्न तालाबों और नदियों पर सुंदर छठ घाटों का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जशपुर जिले के कुनकुरी में एक करोड़ रुपये की लागत से उन्होंने स्वयं एक छठ घाट बनवाया है।

बिहार का गौरवशाली इतिहास और योगदान रहा है
मुख्यमंत्री श्री साय ने बिहार के ऐतिहासिक योगदान को नमन करते हुए कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार की धरती से थे। नालंदा विश्वविद्यालय ने भारत को विश्वगुरु का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वहीं महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने शून्य की खोज कर दुनिया को एक नया आयाम दिया। कर्पूरी ठाकुर जैसे समाज सुधारक भी बिहार की ही देन हैं।
“मोदी की गारंटी: वादा नहीं, संकल्प है”
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया और हमें सेवा करने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि बीते सवा साल में सरकार ने कई लोक-कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया है।
• महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख से अधिक महिलाओं को हर महीने ₹1000 की सहायता राशि प्रदान की जा रही है, जिससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
• रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत अब तक 20 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं।
• तीर्थ यात्रा योजना को नए वित्तीय वर्ष से पुनः प्रारंभ किया जाएगा, जिससे वरिष्ठ नागरिकों और श्रद्धालुओं को देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा का अवसर मिलेगा।
“एक भारत-श्रेष्ठ भारत” अभियान को मिला जबरजस्त समर्थन

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से भाषायी, सामाजिक और सांस्कृतिक दूरियाँ कम होती हैं। यह समारोह दो राज्यों के बीच आपसी भाईचारे और सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने का एक अद्भुत उदाहरण है।
सर्व समाज प्रमुखों का सम्मान बनेगा नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न समाजों के प्रमुखों को शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि समाजसेवियों का सम्मान हमारी परंपरा का हिस्सा है और इससे आने वाली पीढ़ियाँ प्रेरणा लेती हैं।
“लिट्टी-चोखा से तीजा-छठ तक: साझा सांस्कृतिक विरासत”
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बिहार की लिट्टी-चोखा और छत्तीसगढ़ के चीला-फरा, तीजा पर्व और छठ पूजा – दोनों राज्यों की संस्कृति में गहरा साम्य दिखता है। ये त्योहार मातृशक्ति और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता के प्रतीक हैं।
मुख्यमंत्री ने बिहार से आए सभी भाइयों और बहनों का छत्तीसगढ़ की धरती पर स्वागत करते हुए कहा कि हम सब मिलकर प्रधानमंत्री श्री मोदी के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” के संकल्प को आगे बढ़ाएँ।
बिहार दिवस पर विकास की चर्चा
बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नबीन ने बिहार स्थापना दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका उद्देश्य हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को समझना और नई पीढ़ी तक पहुँचाना है। उन्होंने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य और अधोसंरचना के क्षेत्र में बिहार ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
इस कार्यक्रम में विधायक रिकेश सेन, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांडेय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे, नगर निगम दुर्ग की महापौर श्रीमती अल्का बाघमार सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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