रायपुर: छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई में 45 करोड़ रुपये की कर चोरी उजागर हुई है। महावीर कोल वॉशरीज प्राइवेट लिमिटेड (MCWPL) और मधुसूदन अग्रवाल प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (MAPPL) पर आयकर सर्वे के दौरान वित्तीय अनियमितताओं और बेहिसाबी आय से निवेश की जानकारी सामने आई है।

फरवरी के अंतिम सप्ताह और मार्च के पहले सप्ताह में हुई इस जांच में पाया गया कि कंपनियों ने अप्रमाणित व्यय, असंगत राजस्व घोषणाओं और नकद लेनदेन को बैंकिंग सिस्टम से बाहर रखकर कर चोरी की। आयकर अधिनियम की धारा 133(A)(1) के तहत हुई इस कार्रवाई के दौरान कंपनियों के निदेशकों ने कर चोरी स्वीकार की।

MCWPL के निदेशक ने 30 करोड़ रुपये की कर चोरी मानी, जबकि MAPPL के संचालकों ने 25.10 करोड़ रुपये की कर चोरी स्वीकार की। इसके बाद आयकर विभाग ने दोनों कंपनियों को क्रमशः 10 करोड़ और 8.5 करोड़ रुपये का अग्रिम कर 15 मार्च तक जमा करने के निर्देश दिए हैं।
आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ये कंपनियां कैश सेल्स को छुपाकर, स्टॉक की वास्तविक स्थिति कम दिखाकर और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के जरिए कर चोरी कर रही थीं। इस पूरे मामले की निगरानी प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (CCIT) अपर्णा करन और प्रमुख आयकर आयुक्त (PCIT) प्रदीप हेडाऊ ने की।
विभाग अब वित्तीय लेनदेन की गहन जांच कर रहा है और इंटर-कंपनी डीलिंग्स का मूल्यांकन कर रहा है, जिससे आगे और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief