बिलासपुर। चैंपियंस ट्रॉफी के मैचों पर शहर में सट्टेबाजी का कारोबार चरम पर है। बड़े खाईवाल अपने सुरक्षित ठिकानों से इसे संचालित कर रहे हैं, जबकि उनके गुर्गे हर क्षेत्र में सक्रिय हैं। आनलाइन और आफलाइन मोड में जारी इस अवैध गतिविधि पर पुलिस की नजर नहीं है। अधिकारी सूचना मिलने पर ही कार्रवाई की बात कह रहे हैं, जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।





चैंपियंस ट्रॉफी के हर मैच में शहर के सटोरिए लाखों रुपये का दांव लगा रहे हैं। बड़े खाईवाल अपने नेटवर्क को मोबाइल और वाट्सएप के जरिए नियंत्रित कर रहे हैं। सटोरियों के एजेंट अलग-अलग इलाकों में घूमकर लोगों से दांव लगवा रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफार्म का भी उपयोग किया जा रहा है, जिससे यह अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा है।
शहर में सट्टे का कारोबार बेखौफ जारी है, लेकिन पुलिस का दावा है कि उन्हें इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। अधिकारियों का कहना है कि सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। सट्टोरियों ने अपनी सुरक्षा के लिए किराए के मकानों और वाहनों का उपयोग करना शुरू कर दिया है, जिससे उनका पता लगाना मुश्किल हो रहा है।
इन इलाकों से हो रहा सट्टे का संचालन
शहर में तोरवा, देवरीखुर्द, विनोबा नगर और सिंधी कॉलोनी में बड़े खाईवाल सक्रिय हैं। वे अपने ठिकानों से गुर्गों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं और लेनदेन भी वहीं से किया जा रहा है। पुलिस की निष्क्रियता से सटोरियों के हौसले बुलंद हैं, जिससे शहर में अवैध सट्टेबाजी का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है।




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